राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कुल आबादी से ज्यादा लोगों के आधार कार्ड जारी किए गए हैं, जो यूआईडीएआई की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करता है। दिल्ली की आबादी है 1.68 करोड़ पर यहां दो करोड़ लोगों के आधार कार्ड बनाए गए हैं। दिल्ली में जितने लोगों को आधार कार्ड जारी किए गए हैं वह दिल्ली की 2011 की आबादी से 27.6 फीसदी अधिक है।
हालांकि यूआईडीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय मैदान कहते हैं कि ये असमान्य नहीं है। क्योंकि दिल्ली में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों और आसपास के शहरों के लोग रहते हैं। यह भी हो सकता है कि आधार के लिए पंजीकरण कराने वाले लोगों ने शहर छोड़ दिया हो पर अपना आवासीय पता न बदलवाया हो। वहीं 2011 की तुलना में दिल्ली की आबादी में भी इजाफा हुआ है।
वहीं आधार की प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं कि हम सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी पते प्रमाण पत्र के आधार पर कार्ड बनाते हैं। हम जनगणना के आंकड़े नहीं देखते। जैसे गुड़गांव में रहने वाला व्यक्ति दिल्ली में पंजीकरण करा सकता है। पर उसका पता गुड़गांव का ही रहेगा। अधिकारी कहते हैं कि जनगणना के आंकड़ों से तुलना तभी करना ठीक होगा जब देश की संपूर्ण आबादी को आधार जारी कर दिया जाएगा।
मतदाता सूची से ज्यादा आधारकार्ड धारी
18 साल से ज्यादा आयु की श्रेणी में आधार कार्ड धारक ज्यादा
08 लाख ज्यादा है कुल मतदाता सूची से आधारकार्ड धारक
1.33 करोड़ कुल मतदाता हैं दिल्ली में ( जनवरी 2015)
1.41 करोड़ आधारकार्ड धारक हैं 18 साल से अधिक आयु वाले