भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर संसद के बाहर और संसद के भीतर दोनों जगह मोर्चे खुल गये हैं। एक ओर जहां मंगलवार को अन्ना हजारे और दूसरे किसान संगठनों के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान इस अध्यादेश के खिलाफ विरोध जता रहे होंगे। वहीं, सरकार लोक सभा में इस अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए विधेयक पेश करने की तैयारी में है। जिसके चलते संसद में इस मुद्दे पर हंगामा होना लगभग तय है। इस वहीं एनडीए में भाजपा के सहयोगी स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के सांसद राजू शेट्टी और तीन अन्य सांसदों ने लोक सभा में अध्यादेश के लिए डिएप्रूवल नोटिस दिया है। उनके बीजेडी और टीएमसी पार्टी के सांसद भी शामिल हैं। लेकिन जिस तरह से सोमवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के संसद के संयुक्त सत्र के अभिभाषण में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को किसानों के हितों की सुरक्षा वाला बताया गया है उससे लगता है कि सरकार अभी अपने रुख पर कायम है।
पहले से ही इस बात के संकेत आ रहे थे कि बजट सत्र काफी हंगामेदार रहेगा और उसमें भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को कानून में बदलने की कोशिश व विपक्ष का इसके विरोध में एकजुट होना मुख्य कारण रहेगा। समाजसेवी अन्ना हजारे ने जंतर मंतर पर सरकार के इसी अध्यादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और मंगलवार को इनके शिष्य रहे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) के इस आंदोलने से जुड़ने की बात सामने आ रही है। वहीं उत्तर प्रदेश के किसानों में मजबूत आधार रखने वाले राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वी.एम. सिंह भी मंगलवार को किसानों का बड़ा जमावड़ा लेकर अध्यादेश का विरोध करने का दावा कर रहे हैं। उनके अलावा वाम दलों के संगठनों समेत कई अन्य संगठन भी मंगलवार को अध्यादेश के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन करने वाले हैं। ऐसे में सरकार इस मुद्दे पर संसद और उसके बाहर दोनों जगह विरोध के दबाव में रहेगी।
किसान संगठन भी उतरे विरोध में
राष्ट्रीय किसान एवं मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह के मुताबिक मंगलवार से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और तमिलनाडू के किसान संगठन भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। उनके मुताबिक किसान संगठनों ने यह जनवरी में ही तय कर लिया था कि बजट सत्र शुरू होते ही किसान अपने हितों के लिए सरकार के अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
ऑल इंडिया किसान सभा ने भी मंगलवार से वामदलों की अगुवाई वाले किसान और मजदूर
संगठन के साथ विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। यह विरोध प्रदर्शन संसद का सत्र आरंभ होने से पहले ही शुरू हो जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश किसानों के हितों के विरुद्ध है। उनकी मांग सरकार से इस पर वार्ता कर बदलाव करने की है। संगठन के मुताबिक अगर सरकार भूमि अध्यादेश को वापस नही करती तो भारतीय किसान यूनियन 18 मार्च को जंतर-मंतर पर लाखों लोगों के साथ किसान पंचायत के माध्यम से विरोध करेगी ।
केजरीवाल भी होंगे अन्ना के विरोध प्रदर्शन में शामिल
/> सोमवार शाम को अन्ना हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने अन्ना के साथ इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की बात कही है। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि उनकी अन्ना से बात हुई है और पार्टी ने उनके आंदोलन में हिस्सा लेने की बात कही है।
सरकार के सहयोगी भी विरोध में
एनडीए के सहयोगी और महाराष्ट्र के स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (स्वाभिमानी पक्ष) के अध्यक्ष व सांसद राजू शेट्टी ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ 24 फरवरी को जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने का ऐलान किया है। मनी भास्कर से बातचीत में शेट्टी ने बताया कि अध्यादेश के खिलाफ उन्होंने संसद में चर्चा का नोटिस दिया है। राजू शेट्टी ने साफ कहा कि हमारा संगठन अध्यादेश के प्रावधानों के खिलाफ है और इसका विरोध संसद में भी किया जाएगा और संसद के बाहर भी विरोध प्रर्दशनों में उनका संगठन हिस्सा लेगा।