नई दिल्ली। आगामी बजट में सरकार खाद्य और ईंधन सब्सिडी बिल में 20 फीसदी यानी करीब 8 अरब डॉलर की कटौती कर सकती है। मामले से जुड़े दो सरकारी अधिकारियों ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली सब्सिडी के लिए कुल बजट लगभग 32 अरब डॉलर रख सकते हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 40 अरब डॉलर था।
कुल सब्सिडी में 80 फीसदी यानी 6.5 अरब डॉलर की बचत ईंधन सब्सिडी बिल में कटौती करने से आ सकती है। दूसरे सब्सिडी लागत में केवल 5 फीसदी की ही कटौती हो होगी। वहीं, शांता कुमार समिति ने सुझाव दिया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभार्थियों की संख्या वर्तमान 67 फीसदी से घटाकर 40 फीसदी किया जाए। हालांकि, राजनीतिक स्तर पर इस कदम को जोखिम भरा माना जा रहा है इसलिए इसे लागू करना मुश्किल है। अब वर्तमान 5 रुपए प्रति किलो की जगह 7 रुपए किलो प्रति व्यक्ति सब्सिडाइज अनाज के आवंटन को बढ़ाना चाहिए।
समिति की ओर से खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे को कम करने का सुझाव सबसे ज्यादा प्रमुख माना जा रहा है। इसमें फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) की रीस्ट्रक्चरिंग का सुझाव शामिल है।
खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 6.1 करोड़ टन चावल, गेहूं और मोटे अनाज का वितरण 75 फीसदी ग्रामीण जनसंख्या और 50 फीसदी शहरी जनसंख्या में हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, एफसीआई ऑपरेशन को सुधारने के लिए कई अन्य व्यवहारिक सुझाव पेश किए गए हैं।
कार्यक्रम पर उन्होंने कहा कि हम इस स्कीम को फिलहाल चलाने की योजना बना रहे हैं। इसके बाद प्रत्येक राज्य से जून तक एनएफएसए को लागू करने के लिए पूछा जाएगा। मार्च 2015 तक खाद्य सब्सिडी के लिए 1.15 लाख करोड़ रुपए का बजट है जिसमें 59,000 करोड़ रुपए केवल खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के लिए है।