जनवरी में WPI साढ़े पांच साल के निचले स्तर पर, खाद्य महंगाई दर 8% बढ़ी

नई दि‍ल्‍ली। सरकार द्वारा आर्थिक आंकड़ों की नई सीरिज पर आधारित थोक मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) जनवरी 2015 में साढ़े पांच साल के न्यू्नतम स्तर (-) 0.39 फीसदी पर पहुंच गई। जून 2009 के बाद थोक महंगाई का यह सबसे नि‍चला स्तर है। लेकिन आम आदमी का बजट बिगाड़ने वाली खाने पीने की वस्तुओं की कीमतें बढ़ती जा रही हैं और इसके चलते जनवरी में खाद्य महंगाई आठ फीसदी रही। इसके पीछे सब्जियों की कीमतों में 19.74 फीसदी की बढ़ोतरी होना रहा है। जनवरी में डब्लूपीआई में गिरावट की सबसे बड़ी वजह पेट्रोलियम और ईंधन उत्पादों की कीमतों में गिरावट आना रहा है। इसके चलते ही जनवरी में डब्‍ल्‍यूपीआई शून्‍य से नीचे गि‍रते हुए -0.39 फीसदी पर पहुंच गई है। दि‍संबर में डब्लूपीआई की दर 0.11 फीसदी रही थी।

खाद्य महंगाई दर में तेजी

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबि‍क, खाद्य पदार्थों की महंगाई दर बढ़ गई है। दि‍संबर में खाद्य महंगाई दर 5.20 फीसदी थी जो जनवरी में बढ़कर आठ फीसदी हो गई है। दालों, सब्‍जि‍यों और मोटे अनाज की कीमतों में इजाफा हुआ है जबकि‍ अंड़ा, मीट, फि‍श और दूध की कीमतों में कमी दर्ज की गई है।

फ्यूल एडं पावर ग्रुप की महंगाई घटी

सस्‍ते कच्‍चे तेल का असर फ्यूल एवं पावर ग्रुप की महंगाई दर पर दि‍खाई दे रहा है। जनवरी में फ्यूल एवं पावर ग्रुप की महंगाई -10.69 फीसदी रही, जबकि‍ दि‍संबर में यह आंकड़ा -7.83 फीसदी था।

मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्रोडक्‍ट की महंगाई घटी

मैन्‍युफैक्‍चरिंग स्‍तर पर सरकार को राहत मि‍ली है। जनवरी माह में मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्रोडक्‍ट की महंगाई दर 1.57 फीसदी से घटकर 1.05 फीसदी रही।

घट सकती हैं ब्‍याज दरें

थोक महंगाई दर के जनवरी में शून्‍य फीसदी से नीचे रहने से ब्‍याज दरों में कटौती की उम्‍मीद बढ़ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने जनवरी 2015 में खुदरा महंगाई को 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्‍य तय किया है। ऐसे में माना जा रहा है उद्योगों की मांग के अनुरूप रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक समीक्षा में एक बार फि‍र ब्‍याज दरों में कटौती कर सकता है।

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