आजादी के 67 साल बाद भिंड के 56 गांवों में बनेंगी पक्की सड़क

मनोज श्रीवास्तव, भिंड। देश को आजादी मिले 67 साल बीत गए, लेकिन भिंड में कई ऐसे गांव हैं, जहां अब भी पक्की सड़कें नहीं हैं। अगर इन गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे इलाज के लिए शहर ले जाना मुश्किल होता है।

आजादी के बाद पहली बार जिले के ऐसे 56 गांवों में पक्की सड़क बनेंगी। पीएमजीएसवाय (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) से इन गांवों में 67.81 करोड़ रुपए की सड़कें बनाने दिल्ली गई डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को मंजूरी मिल गई है। सांसद डॉ भागीरथ प्रसाद का कहना है पंचायत चुनाव के बाद इन गांवों में सड़क बनाने का काम शुरू कराया जाएगा।

2 पीढ़ियों ने नहीं देखी गांव में पक्की सड़कः

मेहगांव विधानसभा में सेमरा गांव के सुरेंद्र सिंह उम्र 50 साल को नईदुनिया रिपोर्टर ने बताया उनके गांव में 78.78 लाख रुपए से 1.88 किमी की पक्की सड़क बनना है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सुरेंद्र बोले- गांव की 2 पीढ़ियां बीत गई। पक्की सड़क नहीं बनी। बारिश में गांव का कच्चा रास्ता पूरी तरह से कट जाता है। अगर कोई बीमार हो जाए तो ईश्वर मालिक है, इलाज के लिए ले जाना मुश्किल होता है। सेमरा गांव के जितेंद्र कुशवाह पुत्र वृंदावन कुशवाह उम्र 26 साल का कहना है कि पक्की सड़क नहीं होने से पढ़ाई पर भी असर पड़ता है।

रिश्ते करने में आती है मुश्किलः

सेमरा गांव के गुड्डू सिंह उम्र 35 साल का कहना है कि गांव में सड़क न होना अभिषाप से कम नहीं है। सड़क सुविधा नहीं होने से शादी के रिश्ते करने में बड़ी मुश्किल आती है। कई बार तो लोग सड़क नहीं होने के कारण ही गांव में रिश्ता नहीं करना चाहते हैं। पक्की सड़क बनेगी तो ऐसी स्थिति नहीं रहेगी।

इनका कहना है

जिले के 56 गांवों में 67 करोड़ से अधिक लागत से सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। यह ऐसे गांव हैं, जहां अभी तक सिर्फ कच्चे रास्ते ही हैं। डीपीआर को दिल्ली में मंजूरी मिल गई है।

एके जैन, जीएम, पीएमजीएसवाय भिंड

भिंड-दतिया का कोई भी गांव पक्की सड़क से अछूता नहीं रहेगा। भिंड के 56 गांवों में पंचायत चुनाव के बाद पक्की सड़क बनाने का काम शुरू हो जाएगा। सड़क निर्माण के दौरान गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

डॉ. भागीरथ प्रसाद, सांसद, भिंड-दतिया

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