मूल रूप से बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा स्थित नौरंगिया निवासी राजेश ने बताया कि करीब 33 महीने पूर्व फुटबाल स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। बिहार, पंजाब, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के कुल 185 मजदूरों को काम करने वहां ले जाया गया था।
मई 2014 तक सबकुछ ठीक रहा, लेकिन अब कंपनी के मालिक अब्दुल्लाह ने सभी मजदूरों का पासपोर्ट जब्त कर लिया है। खाना भी नहीं देते और काम करने से मना करने पर मारपीट की जाती है।
इसमें बिहार के करीब दर्जन भर मजदूरों के अलावा उत्तर प्रदेश के भी 22 मजदूर फंसे हुए हैं। उनका कहना है कि हमने भारतीय दूतावास से संपर्क किया तो वहां से बताया गया कि भारत सरकार से आदेश मिलने पर ही हम कोई मदद कर सकेंगे।
पश्चिमी चंपारण के जिलाधिकारी लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि मजदूरों के परिजनों ने सूचना दी है। सरकार को जानकारी दी जा रही है।