दिलचस्प बात यह कि भारत में यह भरोसा ऐसे समय में बढ़ा है, जब वैश्विक स्तर पर इसमें गिरावट आयी है. इस अध्ययन में 84 प्रतिशत अंकों के साथ यूनाइटेड अरब अमीरात पहले स्थान पर, 79 प्रतिशत अंक के साथ भारत दूसरे नंबर पर, 78 प्रतिशत अंक के साथ इंडोनेशिया तीसरे स्थान पर, 74 प्रतिशत अंक के साथ चीन चौथे स्थान पर, 65 प्रतिशत अंक के साथ सिंगापुर पांचवे स्थान पर, 64 प्रतिशत अंक के साथ नीदरलैंड छठे स्थान पर है.
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत के प्रति वैश्विक स्तर पर धारण बदली है. इस सर्वे के अनुसार, दुनिया भर के शिक्षित वर्ग में संस्थानों को लेकर भरोसे में कमी देखने को मिली है. यह 2009 के बाद के निचले स्तर पर है. इस सर्वेक्षण में इस बार भरोसेमंद देशों की संख्या मात्र छह रही है, जो अबतक सर्वाधिक कम है. ये देश संयुक्त अरब अमीरात, भारत, चीन, नीदरलैंड, इंडोनेशिया व सिंगापुर हैं. 2014 में भारत पांचवें स्थान पर था.
प्रतिस्पर्धा क्षमता में 78वें स्थान पर
भारत श्रमबल में प्रतिभा प्रतिस्पर्धा मामले में वैश्विक स्तर पर 78 वें पायदान पर है. इससे भारत के श्रमबल के कौशल की कमी का भी पता चलता है. इस सूची में स्विटजरलैंड शीर्ष पर है. इनसीड बिजनेस स्कूल ने ह्यूमन लीडरशिप इंस्टीट्यूट ऑफ सिंगापुर व एडेको के साथ मिलकर 93 देशों की सूची तैयार की है. इस सूची में स्विट्जरलैंड के बाद सिंगापुर, लग्जमबर्ग, अमेरिका व कनाडा का स्थान है.