यूरोप वाले फिर लेंगे भारतीय आमों का स्वाद, प्रतिबंध हटाने का लिया फैसला

यूरोपीय बाजारों में भारतीय आमों की बिक्री का रास्ता एक बार फिर साफ हो गया. यूरोपीय संघ ने इनके आयात पर पिछले साल लगाये गये प्रतिबंध को हटाने की घोषणा की है. दरअसल पिछले साल भारतीय आमों की पेटी में मक्खी मिलने के बाद यूरोपीय संघ ने उसके आयात पर प्रतिबंध लगाया दिया था. हालांकि उसके द्वारा लगाया गया यह प्रतिबंध अस्थायी था, जो 2015 तक प्रभावी रहना था. लेकिन नये फैसले से यूरोपीय एक फिर भारतीय आमों का जल्द ही स्वाद ले सकेंगे. यूरोपीय आयोग की एक समिति ने सर्वसम्मति से प्रतिबंध हटाने का प्रस्ताव पारित कर दिया. वोटिंग के बाद समिति ने कहा कि प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारतीय आमों की निर्यात प्रणाली में काफी सुधार आया है.

यूरोपीय आयोग ने पिछले साल एक मई को भारतीय आमों के आयात पर प्रतिबंध लगाया था, जो दिसंबर 2015 तक प्रभावी रहना था. इसके अलावा बैगन व कुछ अन्य खाद्य पदार्थो पर भी प्रतिबंध लगाया गया था.

ब्रिटेन के प्राकृतिक पर्यावरण मंत्री लार्ड डी मौले ने कहा कि हम इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने के लिए भारत और यूरोपीय सरकारों के साथ मिल कर काम कर रहे थे और मुङो खुशी है कि आम का व्यापार फिर शुरू होगा. उल्लेखनीय है कि भारतीय फलों और सब्जियों का 50 प्रतिशत से अधिक निर्यात यूरोपीय संघ के देशों में किया जाता है. इनमें ब्रिटेन सबसे बड़ा आयातक है. इसके बाद क्रमश: नीदरलैंड, जर्मनी और बेल्जियम इनके ग्राहक हैं.

भारत में ब्रिटिश उच्चयुक्त जेम्स बेवन ने इस फैसले पर प्रसन्नता प्रकट की है. उन्होंने कहा है कि ब्रिटेन और भारत यूरोप व्यापार संबंधों के लिए सुखद समाचार है. खास कर भारतीय निर्यातकों और ब्रिटिश ग्राहकों के लिए. हालांकि यूरोप में आम का आयात लगभग एक महीने के बाद शुरू हो सकेगा. उस समय तक यूरोपीय आयोग द्वारा नयी विधायिका को स्वीकृति मिल जायेगी और उसका प्रकाशन भी जायेगा.

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