राजस्थान हाईकोर्ट में बृहस्पतिवार को राजस्थान सरकार द्वारा पंचायत चुनाव में सरपंचों और पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्यों के लिए जारी अध्यादेश के खिलाफ याचिका की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सुनवाई तक पंचायत चुनावों में शैक्षणिक योग्यता में छूट देने (पूर्व की तरह ही चुनाव होने) की अर्जी खारिज कर दी। हालांकि हाईकोर्ट ने इस अध्यादेश पर सुनवाई के लिए मार्च का प्रथम सप्ताह तय किया है।
राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिल अंबवानी ने सुनवाई के दौरान कहा कि संविधान के मुताबिक पंचायत चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी हो चुकी है, इसलिए उसमें दखल नहीं दे सकते।
कोर्ट ने इस अध्यादेश को लेकर राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की। कोर्ट ने कहा कि ये अध्यादेश मनमाना है, अवैध है। देशभर में ऐेसा पहला मामला है और राज्य सरकार को इस अध्यादेश की ऐसी क्या जरूरत पड़ी। अदालत ने कहा कि सरकार ने योग्यता तय करने से पहले पूरी तैयारी नहीं की और न ही पूरा डेटा एकत्र किया।
राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव २०15 में पांचवीं और आठवीं कक्षा उत्तीर्ण की योग्यता तय की। इसके खिलाफ कुछ याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अदालत ने मामले की सुनवाई राजस्थान हाईकोर्ट में करने के लिए निर्देश दिए थे। इसके बाद हाईकोर्ट में इसे दायर किया गया।
ये हैं शर्तें
दसवीं पास – पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्य
आठवीं पास – सरपंच (सामान्य क्षेत्र)
पांचवीं पास – सरपंच (आदिवासी क्षेत्र)