इस संबंध में बुधवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ बैठक हुई है। केंद्र सरकार की कोशिश है कि न केवल खादी उत्पादों के साथ युवाओं को जोड़ा जाए, बल्कि उसके जरिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए जाएं।
एफडीआईसी का रोल होगा अहम
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बैठक में फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों से सुझाव मांगे गए हैं, कि कैसे खादी के प्रमोशन में डिजायनर का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके तहत सरकार की कोशिश है कि युवाओं के लिए नौकरियां उत्पन्न करने के साथ उन्हें कस्टमर भी बनाया जाए।
मार्केटिंग और टेक्नीकल सपोर्ट
अधिकारी के अनुसार एफडीआईसी के साथ मिलकर खादी प्रोडक्ट की मार्केटिंग के माॅडर्न तरीके अपनाने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा खादी प्रोडक्ट ज्यादा स्टाइलिश बनें, इसके लिए जरूरी है, कि डिजायनर के साथ मिलकर कारीगरों को नई डिजायन तकनीक को प्रमोट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस संबंध में फैशन डिजाइनिंग इंडस्ट्री से जुड़े दूसरे अहम लोगों के साथ भी जल्द ही चर्चा की जाएगी। जिससे खादी को प्रमोट करने के लिए पूरा रोडमैप तैयार हो सके।
एशियाई विकास बैंक का भी मिला है पैकेज
खादी को बढ़ावा देने के लिए यूपीए सरकार के समय एशियाई विकास बैंक से 15 करोड़ डॉलर का रिफाॅर्म पैकेज केंद्र सरकार को मिला था। इसके तहत सरकार की कोशिश है कि देश भर में फैले प्रमुख खादी स्टोर को पीपीपी मॉडल के तहत लाया जाए। जिसमें निजी कंपनियों की 51 फीसदी हिस्सेदारी होगी। लेकिन करीब 4 साल बाद भी यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई। ऐसे में अब नई सरकार सीधे ही फैशन इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को जोड़कर खादी को प्रमोट करने की जुगत में है।