स्कूल में कुल 40 विद्यार्थियों में से 18 बालिकाएं हैं। शाला प्रभारी शैलेंद्र बिहारिया ने बताया कि उन्होंने कर्नाटक में जनसहयोग से सर्व मिल्य योजना के बारे में पढ़ा था। बच्चियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने और उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से सप्ताह में एक दिन दूध वितरण का काम हमने शुरू किया है। यहां प्रभारी के अलावा दो अन्य शिक्षक सुनील पंडाग्रे व ममता गोहर हैं।
तीनों शिक्षक बारी-बारी से दूध का खर्च उठाएंगे। प्रत्येक बालिका को 120 ग्राम भैंस का दूध दिया जाएगा। इस प्रकार अमूमन 200 रुपए प्रत्येक सप्ताह दूध वितरण में खर्च होंगे। कर्नाटक प्रांत में सरकारी स्कूलों में छात्राओं को इस योजना के तहत 100 मिलीलीटर दूध हर सप्ताह उपलब्ध कराया जाता है।
प्रदेश का यह पहला स्कूल है जहां इस तरह की पहल की गई है। योजना का शुभारंभ समाजसेवी प्रेमशंकर मालवीय, एपीसी एसआर माली, नेमीचंद मालवीय, प्रकाश मालवीय, निर्देश मदरेले के आतिथ्य में किया गया। अतिथियों ने बालिकाओं की आरती उतारी और सभी बच्चों को दूध वितरित किया। शिक्षकों की इस पहल से प्रभावित होकर समाजसेवी प्रेमशंकर मालवीय ने अपनी ओर से स्कूल को 1100 रुपए की राशि प्रदान की और इच्छा व्यक्त की कि बालिकाओं को दूध के साथ ही प्रति सप्ताह फल भी दिए जाए। इसलिए अब छात्राओं को प्रति सप्ताह दूध के साथ ही फल भी प्रदान किए जाएंगे।