प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की अब सीधे केन्द्र स्तर पर निगरानी

रायगढ़ (निप्र)। जिले की खस्ताहाल प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों की जांच लखनऊ के परीक्षक करेंगे। जांच के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षक नियुक्त किए गए हैं। ये परीक्षक समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। दोषी पाए जाने पर संबंधित ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि सीधे केन्द्र स्तर पर प्रधानमंत्री सड़क योजना पर नजर रखी जाएगी। जिले में निर्मित प्रधानमंत्री स़ड़क की गुणवत्ता परीक्षण करने राष्ट्रीय गुणवत्ता परीक्षक एसएस लाल को सौंपी गई है। जो जिले में 5 साल के दौरान निर्मित सड़कों व निर्माणाधीन स़ड़कों का परीक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर सीधे राष्ट्रीय स्तर पर सौंपेंगे। वहीं से ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। इनके बीच राष्ट्रीय परीक्षक सेतु का काम करेंगे। इसके लिए हर जिले के लिए राष्ट्रीय परीक्षक नियुक्त किए गए हैं, जो हर माह पहुंचकर निर्माणाधीन सड़कों का परीक्षण करेंगे। रिपोर्ट ओके होने के बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाएगा। गौरतलब है कि जिले के रायगढ़ व धरमजयगढ़ संभाग में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है।

मेंटेनेंस के नाम पर खानापूर्ति

जिले के रायगढ़ व धरमजयग़ढ़ संभाग के अंतर्गत बीते पांच सालों में निर्मित प्रधानमंत्री सड़क रखरखाव के अभाव में बद से बदतर स्थिति में है। ठेकेदारों व अधिकारियों की सांठगांठ की वजह से बीते पांच साल में बनी सड़कें अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है।

राष्ट्रीय परीक्षक के आने की सूचना पर हड़कंप

प्रधानमंत्री सड़क गुणवत्ता जांच करने राष्ट्रीय परीक्षक के आने की सूचना पर अधिकारियों में हड़कंप मचा है। रायगढ़ व धरमजयगढ़ में बीते पांच सालों में प्रधानमंत्री सड़क निर्माण में जो गफलतबाजी की गई है। अब इसकी पोल राष्ट्रीय परीक्षक के सामने खुलने के भय से दोनों संभागीय कार्यालयों में हड़कंप मची है।

मिलीभगत अब बनेगी जी का जंजाल

गांवों को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की अब सीधे केन्द्रीय स्तर पर निगरानी होने से अधिकारियों के होश फाख्ता हैं। वहीं अब बीते सालों में सड़क निर्माण में हुई सारी गफलतबाजी अधिकारियों के जी का जंजाल बनने जा रही है। केन्द्रीय स्तर के परीक्षकों के आकर गुणवत्ता परीक्षण से भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी। इससे न सिर्फ अधिकारियों पर गाज गिरेगी, बल्कि ठेकेदारों पर भी कार्रवाई हो सकती है। बताया जा रहा है इसी महीने ये राष्ट्रीय परीक्षक जिले में पहुंच कर बीते सालों में निर्मित सड़कों का जायजा लेंगे।

गुणवत्ता विहीन निर्माण से ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

जिले के सपनई गांव में प्रधानमंत्री सड़क निर्माण के दौरान ग्रामीणों का गुस्सा उस समय फूटा, जब ग्रामीणों की नाराजगी के बाद भी सड़क निर्माण गुणवत्ता विहीन कराई जा रही थी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सड़क निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार करने के कारण ही कई बार ठेकेदार के सुपरवाइजर और कर्मचारियों से ग्रामीणों की तू-तू, मैं-मैं हो चुकी है। घटिया निर्माण से बौखलाए ग्रामीणों ने रोलर ऑपरेटर और सुपरवाइजर की पिटाई कर दी तथा ठेकेदार के बाइक क्रमांक सीजी 13एच 1258 के पेट्रोल टैंक में माचिस से आग लगा दी थी।

कार्यपालन अभियंता का नहीं उठा फोन

राष्ट्रीय परीक्षक से संबंधित जानकारी व सपनई में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के तहत गुणवत्ता विहीननिर्माणाधीन सड़क को लेकर ग्रामीणों से तू-तू, मैं-मैं व मारपीट की घटना को लेकर रायगढ़ कार्यपाल अभियंता केएस भण्डारी से उनका पक्ष जानने जब सेल नंबर 9424229882 पर कई बार सम्पर्क किया गया। लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया और न ही किए गए मैसेज का कोई जवाब आया।

प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों के गुणवत्ता क्वालिटी की जांच तीन चरणों में होती है। इसकी जांच के बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाता है।

हरिओम शर्मा, कार्यपालन अभियंता

धरमजयगढ़ संभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

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