वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री जन-धन योजना शुरू होने के बाद सरकारी बैंकों ने चार महीने में 8.62 करोड़ खाते खोले। इस दौरान आरआरबी ने भी 1.92 करोड़ खाते खोल डाले। लेकिन निजी क्षेत्र के बैंक इस मामले में काफी पीछे रह गए हैं। बैंकिंग क्षेत्र में करीब 20 फीसद हिस्सा रखने वाले निजी बैंक प्रधानमंत्री जन-धन के तहत खुले खातों का केवल तीन फीसद हिस्सा ही अपने नाम कर सके। ये बैंक सात जनवरी तक केवल 30.47 लाख खाते ही खोल पाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल 28 अगस्त को वित्तीय समावेश की पीएमजेडीवाई की शुरुआत की थी। पहले इस योजना के तहत साढ़े सात करोड़ बैंक खाते खोले जाने थे। लेकिन बाद में 26 जनवरी, 2015 तक के लिए खाते खोलने का लक्ष्य बढ़ाकर दस करोड़ कर दिया गया। सरकार यह लक्ष्य प्राप्त भी कर चुकी है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को मिलाकर इस योजना के तहत 10.84 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं।
जहां तक निजी बैंकों का सवाल है कुल 30.47 लाख जन धन खातों में दो तिहाई हिस्सेदारी केवल तीन बैंकों की है। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई और जम्मू एंड कश्मीर बैंक (जेएंडके बैंक) ने सबसे ज्यादा खाते खोले हैं। एचडीएफसी बैंक ने 7.8 लाख खाते खोले हैं जबकि आईसीआईसीआई ने 6.67 लाख खातों का आंकड़ा हासिल किया है। जेएंडके बैंक 6.06 लाख खाते खोलकर निजी बैंकों में तीसरे स्थान पर रहा है। देश के तीसरे सबसे बड़े निजी बैंक एक्सिस ने 2.45 लाख जन धन खाते खोले हैं।
सरकारी बैंकों में सबसे आगे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) है, जिसने 2.15 करोड़ जन-धन खाते खोले हैं। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक का नंबर है जिसने 61.74 लाख खाते खोले हैं। बैंक आफ बड़ौदा ने 58.47 लाख और केनरा बैंक ने 53.97 लाख जन-धन खाते खोले हैं।
किसने खोले कितने खाते
1. सरकारी बैंक: 8.62 करोड़
2. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक: 1.92 करोड़
3. निजी बैंक: 30.47 लाख