अखिल भारतीय कोयला मजदूर संघ के नेता जीवन राय ने एक बयान में कहा कि करीब सात लाख कामगार इस हडताल में हिस्सा ले रहे हैं और सरकार ने आज प्रमुख मजदूर संगठनों – बीएमएस, इंटक, एटक, सीटू और एचएमएस – के प्रतिनिधियों की बैठक भी बुलाई है ताकि इस मामले का समाधान ढूंढा जा सके. हडताल से प्रतिदिन 15 लाख टन तक कोयला उत्पादन प्रभावित हो सकता है और इससे बिजली संयंत्रों को आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है जो पहले से ईंधन संकट से जूझ रहे हैं.
कोल इंडिया के नवनियुक्त अध्यक्ष सुतीर्थ भट्टाचार्य ने कहा ‘‘हमें उम्मीद है कि समस्या सौहार्द्रपूर्ण तरीके से सुलझा ली जाएगी. हडताल के असर का ठीक-ठीक पता बाद में चलेगा. अभी इसका अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी.” उन्होंने कहा ‘‘यह सही है कि उत्पादन अंतिम तिमाही में में जोर पकडता है क्योंकि वित्तवर्ष खत्म होने को होता है. मजदूर संगठनों का हडताल का आह्वान दुर्भाग्यपूर्ण है. हमने उनसे राष्ट्र हित में हडताल वापस लेने की अपील की है और अभी भी हम उन्हें हडताल से बचने के लिए राजी करने की कोशिश जारी है.” मजदूर संगठनों ने इससे पहले दो बार सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार किया है.