बीकानेर जिले के कोलायत स्थित इस जमीन का नामांतरण निरस्त कर इसे सिवाय चक की भूमि घोषित कर दिया गया है। यह जमीन वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2010 में खरीदी थी। इसके अलावा प्रदेश के जोधपुर व जैसलमेर जिले में भी वाड्रा की जमीनों पर जांच शुरू हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, कंपनी ने यह जमीन फर्जी दस्तावेजों से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के विस्थापितों के नाम से आवंटित कराई और बाद में खुद खरीद लिया। 16 किसानों के नाम से जमीन का आवंटन कराने में कांग्रेस की तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार का सहयोग रहा और परिवहन मंत्री व राजस्व मंत्री ने कंपनी की भरपूर मदद की।
सरकार के आदेश के बाद कोलायत के उपखण्ड अधिकारी ने क्षेत्र के गजनेर, गोयलरी, मढ़ गांव की 360 हेक्टेयर जमीन का नामांतरण निरस्त कर इसे सिवाय चक भूमि घोषित कर दिया। तहसीलदार गजेंद्र सिंह का कहना है कि आदेश के बाद जमीन को सरकारी खाते में दर्ज कर कब्जा ले लिया गया है। जिला कलक्टर आरती डोगरा ने बताया कि मामले की पूरी जांच के बाद सरकार ने यह फैसला किया है।
इसके अलावा जोधपुर व जैसलमेर जिले में भी रॉबर्ट वाड्रा की जमीनें होने की जानकारी सामने आई है। इसके बाद राजस्व विभाग के अधिकारी इन जमीनों के सौदे की जांच में जुट गए हैं। जोधपुर प्रशासन ने वाड्रा की कंपनी के दो अधिकारियों को नोटिस देकर तलब किया है।