पानागढ़िया भी योजना आयोग के मुखर आलोचक रहे हैं। उन्हें मोदी का समर्थक भी माना जाता है। वह अमेरिकी-भारतीय अर्थशास्त्री हैं। कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाते रहे हैं। इसके अलावा वह एशियाइ विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री भी रह चुके हैं।
इस बीच योजना भवन में कर्मचारी नीति आयोग के शुरू होने से पहले तैयारियों में जुट गए हैं। योजना आयोग के खत्म होने की घोषणा के बाद योजना भवन में अनिश्चिय की स्थिति बनी हुई थी। योजना आयोग के आखिरी उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और अन्य सदस्यों के पद छोड़ने के बाद बहुत से कर्मचारी अपनी तैनाती का इंतजार कर रहे थे।
अब नीति आयोग की स्थापना से यहां फिर से गतिविधियां चालू हो गई हैं। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले नीति आयोग में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री गवर्नर काउंसिल के सदस्य होंगे। केंद्र सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी को इसका मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार के चार मंत्री भी इसमें बतौर सदस्य शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर योजना आयोग को खत्म करने की घोषणा की थी। सरकार का कहना है कि नीति आयोग सहकारी संघवाद की संकल्पना के आधार पर काम करेगा। नीति आयोग में राज्यों की अहम भूमिका होगी।