कागजों पर ऐसी योजनाएं भी जिन्हें एक पैसे का भी आवंटन नहीं, 86 योजनाएं बिना काम की

पटना: लोगों के कल्याण के लिए राज्य सरकार की ओर से चलायी जा रही कई योजनाएं बिना काम की हैं. 39 विभागों की 767 योजनाओं में करीब 86 योजनाएं ऐसी हैं, जिनके लिए चालू वित्तीय वर्ष (2014-15) में कोई आवंटन नहीं मिला है. लगभग 55 योजनाओं के लिए दो-तीन वर्षो से एक रुपया भी आवंटित नहीं हुआ है. इससे ये योजनाएं धरातल पर उतर ही नहीं पायी हैं. विभिन्न विभागों की करीब 20 योजनाएं ऐसी हैं, जिनकी महज घोषणा होकर ही रह गयी. कई योजनाएं फाइनल ले-आउट तैयार नहीं होने के कारण शुरू नहीं हो पायी हैं.

बजट में प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान जितने रुपये योजना मद में आवंटित होते हैं, उतने खर्च नहीं हो पाते हैं. चालू वित्तीय वर्ष में तीन वर्षो के योजना मद के आवंटन को देखने पर यह बात स्पष्ट हो जाती है. तीन साल में औसतन तीन हजार करोड़ रुपये कम खर्च हुए हैं. वित्तीय मामलों के जानकार बताते हैं कि कुछ विभाग पैसे खर्च करने में बेहद सुस्ती बरतते हैं, इससे सभी योजनाएं कवर नहीं हो पातीं. समुचित तरीके से खर्च नहीं होने से साल के अंत में ये रुपये बचे रह जाते हैं. साल भर योजनावार तरीके से निर्धारित अनुपात में रुपये खर्च नहीं होने से सभी योजनाओं पर विभाग खर्च कर नहीं पाता है.

विभाग जरूरी योजनाओं पर ही ज्यादा ध्यान देने में रह जाता है. अधिकतर एक योजना की राशि दूसरे में डायवर्ट कर दी जाती है. इससे भी कई योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाती हैं. कुछ विभागीय अधिकारियों के मुताबिक कई विभागों में योजनाओं की संख्या ज्यादा है. कुछ को बंद या कम कर देना चाहिए.

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