GDP ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रहने का अनुमान, नि‍वेश की रफ्तार अब भी सुस्‍त

नई दि‍ल्‍ली। केंद्र सरकार ने संसद में अर्थव्‍यवस्‍था की छमाही समीक्षा जारी करते हुए कहा है कि‍ वि‍त्‍त वर्ष 2014-15 में देश की सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) की ग्रोथ का अनुमान 5.5 फीसदी रखा है। जारी समीक्षा के मुताबि‍क, अब भी देश में नि‍वेश की गति‍ तेज नहीं है। ऐसे में जीडीपी की ग्रोथ 5.5 फीसदी रह सकती है। हालांकि‍, सरकार ने यह भी कहा कि‍ वि‍त्‍त वर्ष 2014-15 में सब्‍सि‍डी जीडीपी का करीब 0.3 फीसदी से 1 फीसदी रह सकती है।

सरकार ने कहा है कि‍ जनवरी-मार्च ति‍माही के दौरान ब्‍याज दरों में बदलाव की संभावना नहीं है। उन्‍होंने कहा कि‍ रि‍जर्व बैंक का वर्तमान रुख काफी सख्‍त है। इसके अलावा, सरकार ने यह भी कहा कि‍ वि‍त्‍त वर्ष 2014-15 के लि‍ए तय कि‍ए गए राजकोषीय घाटे का लक्ष्‍य हासि‍ल कर लि‍या जाएगा। सरकार ने कहा है कि‍ वि‍त्‍त वर्ष के दौरान टैक्‍स की ग्रोथ उम्‍मीद से कम रहने का अनुमान है।

अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ाने के लि‍ए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट्स को जल्‍द से जल्‍द मंजूर करने की जरूरत है। समीक्षा में कहा गया है कि‍ भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के सामने सबसे ज्‍यादा घरेलू स्‍तर की चुनौति‍यां हैं।

महंगाई के अनुमानों को जारी करते हुए कहा कि‍ जनवरी-मार्च 2016 में कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स इंफ्लेशन करीब 5.8 फीसदी पर रह सकती है। इसके अलावा, औसतन सीपीआई महंगाई दर अप्रैल-जून ति‍माही के दौरान 5.4 फीसदी पर रहने का अनुमान है। इतना ही नहीं, चालू वि‍त्‍त वर्ष की अंति‍म ति‍माही में यह दर 5.3 फीसदी के आसपास रह सकती है। सरकार ने कहा है कि‍ एमएसपी फसल में इजाफा होने से महंगाई दर पर दबाव कम हुआ है।

वि‍त्‍त मंत्री ने क्‍या कहा

वि‍त्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि‍ इकोनॉमी ग्रोथ रेट 6 से 8 फीसदी तक पहुंचने में वक्‍त लगेगा। उन्‍होंने कहा कि‍ सरकार रि‍फॉर्म की दि‍शा को लेकर स्‍पष्‍ट है। इस साल इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लि‍ए रोड़मैप तैयार कि‍या गया है। कोयला आवंटन पर जेटली ने कहा कि‍ पारदर्शी प्रक्रि‍या के साथ कोयला ब्‍लॉक आवंटन को पूरा करने की कोशि‍श की जा रही है।

अटके बि‍लों पर मंत्री ने कहा कि‍ हम अगले सप्‍ताह तक बीमा बि‍ल प्रावधानों को पास कराना चाहते हैं। इतनी ही नहीं, जीएसटी और इंश्‍योरेंस रि‍फॉर्म पर काफी काम कि‍या जा रहा है। इसके अलावा, जमीन अधि‍ग्रहण वि‍धेयक में संशोधन की जरूरत है।

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