कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल के प्रश्नों के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बताया कि 2014 में 14 नवंबर तक प्रारंभिक जांच कराई गई । जांच में 5 करोड़ 64 लाख से ज्यादा का घोटाला सामने आया है। इसमें 8 जिलों में गड़बड़ी मिली है। इसमें मुंगेली में 56 लाख 64 हजार, जांजगीर-चांपा में 1 करोड़ 21 लाख, 36 हजार, रायगढ़ में 21 लाख 6 हजार, जशपुर में 72 लाख 25 हजार, बस्तर में 11 लाख 93 हजार,कोंडागांव में 8 लाख 87 हजार का घोटाला समाने आया।
डॉ. सिंह ने कहा कि ठेकेदारों को घोटालों की राशि छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी में जमा करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने जिन ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर कराई गई उसकी भी जानकारी श्री बघेल को दी। इसके तहत मेसर्स विधवानी इन्फ्राटेक तुलसी नगर कोरबा, विजय कुमार अचवानी सरकंडा बिलासपुर, पंकज केला कटघोरा, राघवेन्द्र जायसवाल पाली, संजय नायडू कटघोरा, सहारा दास जगदलपुर, सुनील कड़से जगदलपुर, अमित कुमार जायसवाल कटघोरा, पिंटू ठाकुर जगदलपुर शामिल हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि सभी को ब्लैक लिस्टेड भी कर दिया गया है। इस मामले में 18 विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों दोषी पाए जाने पर निलंबित कर विभागीय जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।