छानबीन: बाल सुधार गृह में सबसे अधिक आरोपी दुष्कर्म के

रांची: डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह में वर्तमान में 106 बच्चे बंद हैं. इनमें रांची के 55, खूंटी के 13, पलामू के 11, गढ़वा के 12 व लातेहार के 10 बच्चे शामिल हैं. झारखंड राज्यपाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ मनोज कुमार व रंजना कुमारी ने सोमरार को उक्त गृह का निरीक्षण किया.

निरीक्षण के क्रम में सदस्यों ने पाया कि गृह में बंद बच्चों में सबसे अधिक 36 बच्चे दुष्कर्म के आरोपी हैं. जबकि हत्या के 28, हत्या की कोशिश के आरोप में एक, आर्म्स एक्ट के मामले में 12, अपहरण के मामले में दो और डकैती के मामले में एक बच्चे शामिल हैं. तीन बच्चे ऐसे पाये गये, जो दो साल से अधिक समय से रह रहे हैं. पहली से पांचवीं कक्षा तक नौ बच्चे, दसवीं पास 21 बच्चे हैं. सदस्यों ने गृह में कई खामियां भी पायीं. बच्चों को समुचित पठन-पाठन की सामग्री उपलब्ध नहीं करायी गयी है. यहां बताया गया कि पहले झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से पठन-पाठन की सामग्री उपलब्ध कराये जाते थे, लेकिन अब आपूर्ति बंद है.

मेज, कुरसी व जेनरेटर की व्यवस्था नहीं

बाल सुधार गृह के बच्चों के लिए मेज, बेंच, कुरसी, जेनरेटर आदि की भी व्यवस्था नहीं है. बैठने के लिए दरी भी नहीं है. बच्चों के कौशल विकास के लिए भी किसी प्रकार का व्यावसायिक प्रशिक्षण का कोई प्रबंध नहीं किया गया है. सदस्यों ने बच्चों के लिए सामाचार पत्र, कॉमिक्स सहित अन्य पुस्तकें मंगाने का आदेश दिया. सदस्यों ने पाया कि नाली की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण परिसर का पानी बाहर नहीं निकल पा रहा है. वहीं जेल में आनेवाले रिश्तेदारों के लिए प्रसाधन एवं शौचालय की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया. सदस्यों ने बच्चों से शिकायतें सुनी और वार्डेन पर नाराजगी जतायी. इस दौरान बच्चों की काउंसेलिंग भी की गयी. वहीं जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्य व प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट से बात की.

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