अब उसके सपने पूरे होने को हैं… वह इंग्लैंड से पीएचडी करेगी। संघर्ष और जिजीविषा की यह कहानी है जिले से करीब 100 किमी दूर स्थित भीमपुर ब्लॉक के छोटे से ग्राम झापल की बेहद गरीब आदिवासी परिवार की युवती अनिता बारस्कर की।
पूरे प्रदेश से मात्र 20 का चयन
झापल के बंजारीढाना की अनिता का चयन मप्र सरकार की आदिवासी विदेश अध्ययन योजना के तहत इंग्लैंड में पीएचडी करने के लिए हुआ है। योजना के तहत पूरे प्रदेश से मात्र 20 विद्यार्थियों का चयन हुआ है, जिनमें अनिता भी शामिल हैं। वह इंग्लैंड में न्यूक्लियर इंजीनियरिंग विषय पर पीएचडी करेगी।
सारी सुविधाएं देगी सरकार
इंग्लैंड में पीएचडी के लिए राज्य सरकार उसे रहने, खाने के लिए करीब 10 हजार अमेरिकी डॉलर, आकस्मिक भत्ता 1 हजार डॉलर, उपकरण भत्ता के लिए 1500 रुपए के अलावा प्रवेश शुल्क, शिक्षण शुल्क, बीमा प्रीमियम, एयर टिकट, वीजा शुल्क आदि की सुविधा देगी। यह सफलता इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि इस पूरे गांव में अनिता के अलावा कोई 10 वीं तक भी नहीं पढ़ पाया है।
अनिता ने बताया कि कॉलेज के प्रोफेसर देवेन्द्र रोडगे ने उसे विदेश अध्ययन योजना की जानकारी दी। इसका फार्म जमा करने के बाद 22 नवम्बर को उसका इंटरव्यू वल्लभ भवन में हुआ था। हाल ही में इसका रिजल्ट आया है।