कृषि भूमि का उपयोग बदलने के लिए लेना होगा लाइसेंस

पटना: अब शहरों में भवन,अपार्टमेंट और टाउनशिप निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने मंगलवार को नया और अंतिम बिल्डिंग बाइलॉज 2014 जनता के लिए जारी कर दिया. अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह मंगलवार से प्रभावी हो गया.

167 पन्नों के दस्तावेज के आधार पर ही राज्य के नगर निगम, नगर पर्षद और नगर पंचायत क्षेत्र में सरकारी और गैर सरकारी भवनों का निर्माण होगा. बाइलॉज में किसी भी डेवलपमेंट क्षेत्र के लिए विकास परमिट फीस भी निर्धारित की गयी है. 2012 के अधिनियम के मुताबिक बाइलाज में प्रावधान है कि यदि ग्रामीण इलाकों में किसी जमीन को व्यावसायिक उपयोग के लिए विकसित किया जायेगा, तो इसके पहले ग्राम पंचायत से लाइसेंस लेना होगा. डेवलपमेंट के लाइसेंस के लिए 10 हेक्टेयर तक के भूखंड के लिए ग्राम पंचायत में पांच हजार, नगर पंचायत क्षेत्र में छह हजार, नगर पर्षद क्षेत्र में आठ हजार और और नगर निगम क्षेत्र में 10 हजार रुपये लाइसेंस शुल्क के रूप में देने होंगे.

10 हेक्टेयर से 25 हेक्टेयर के नीचे के भूखंड के लिए ग्राम पंचायत में 10 हजार, नगर पंचायत में 12 हजार, नगर पर्षद में 15 हजार व नगर निगम क्षेत्र में 20 हजार रुपये निर्धारित किये गये हैं. 25 हेक्टेयर से अधिक के भूखंड के विकास के लिए ग्राम पंचायत में 15 हजार, नगर पंचायत में 16 हजार,नगर पर्षद में 20 हजार और नगर निगम क्षेत्र में 30 हजार रुपये निर्धारित किये गये हैं.

बाइलॉज के मुताबिक भवन निर्माण के लिए लाइसेंस जारी होने की तारीख से तीन वर्षो के लिए मान्य रहेगा. इस अवधि में कार्य पूर्णता का प्रमाणपत्र दाखिल करना होगा. अगर कोई मकान मालिक इस अवधि में कार्य पूर्णता का प्रमाणपत्र पेश नहीं करता है, तो प्राधिकार द्वारा विहित फीस भुगतान करने पर लाइसेंस की अवधि दो वर्ष और बढ़ायी जा सकती है. पांच वर्ष में भवन निर्माण नहीं करने पर नये सिरे से लाइसेंस के लिए आवेदन देना होगा. कार्य प्रारंभ करने पर मकान मालिक फोरम-एक्स में नोटिस देगा.

प्राधिकार नोटिस मिलने के 14 दिनों में किये जानेवाले कार्य का निरीक्षण करेगा. अगर समय सीमा में प्राधिकार द्वारा निरीक्षण नहीं किया जाता है, तो मान लिया जायेगा कि प्राधिकार को निर्माण के संबंध में कोई आपत्ति नहीं है.

गंगा नदी की चहारदीवारी के दो सौ मीटर तक निर्माण नहीं होगा : बाइलॉज में कला आयोग के गठन का प्रावधान है. इसमें सरकार द्वारा नगर कला एवं विरासत आयोग का गठन किया जायेगा. जहां इसके एनओसी की आवश्यकता होगी, वहां पर इससे लाइसेंस दिया जायेगा.

किसी भी संरक्षित स्मारक की बाहरी चहारदीवारी से सौ मीटर की परिधि या भारतीय पुरातत्व सव्रेक्षण तथा बिहार राज्य कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा किसी पुरातत्वीय स्थल के समय-समय पर निर्धारित दूरी तक किसी भवन का निर्माण या पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी जायेगी.

12 फुट से कम नहीं होगी सड़क

सड़कों की लंबाई व चौड़ाई का भी निर्धारण किया गया है. 25 मीटर लंबी सड़क की चौड़ाई 3.6 मीटर या 12 फुट निर्धारित की गयी है. इसी तरह से 25मीटर से 100 मीटर लंबी सड़क में 4.8 मीटर या 16 फुट चौड़ाई अनिवार्य है. सौ मीटर से अधिक लंबी सड़कों की चौड़ाई छह मीटर या 20 फुट से कम नहीं होगी. इसी तरह नये आवासीय क्षेत्र में भी 20 फुट से कम चौड़ी सड़कें नहीं होंगी. गैर आवासीय क्षेत्र में सड़कों की चौड़ाई न्यूनतम 40 फुट होगी. विवाह हॉल का निर्माण 12.20 मीटर की सड़क पर जबकि सिनेमा हॉल, खेल केंद्र व मल्टीप्लेक्स का निर्माण 18.30 मीटर से कम की सड़कों पर नहीं होगा.

30 मीटर चौड़ी सड़क पर पांच हेक्टेयर में बनेगा टाउनशिप

बाइलॉज में 30 मीटर चौड़ी सड़क पर पांच हेक्टेयर भूमि पर समेकित टाउनशिप की अनुमति दी जायेगी. टाउनशिप के अंतर्गत आवसीय क्षेत्र में 35-50 फीसदी भूमि के उपयोग की अनुमति मिलेगी. वाणिज्यिक भूमि में 10-15 फीसदी, सांस्थिक टाउनशिप के 10-15 फीसदी भूमि के उपयोग की ही अनुमति दी जायेगी. फार्म हाउस के लिए भी बाइलॉज में सभी प्रकार के क्रिया कलाप के लिए अधिकतम 10 फीसदी भूमि के उपयोग की ही अनुमति होगी.

कई जोन में बंटी जमीन

भूमि के उपयोग के लिए जोन का भी निर्धारण किया गया है. पांच मीटर से कम नहीं होगा प्रवेश द्वार बाइलॉज में सुरक्षा के भी पर्याप्त इंतजाम किये गये है. 15 मीटर या उससे अधिक ऊंचे या 500 वर्ग मीटर निर्माण की दशा में परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार की चौड़ाई किसी भी कीमत में पांच मीटर से कम नहीं होगी. भूकंप सुरक्षा के मानकों का भी पालन किया जाना है.

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