प्रभात खबर
अगर कोई एनबीएफसी अपने मैनेजमेंट में किसी भी प्रकार का बदलाव करती है, तो उसे पहले आरबीआइ से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा. यदि वह बिना बताये मैनेजमेंट में बदलाव करती है और जांच में पकड़ी जाती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. आवश्यकता पड़ने पर ऐसी कंपनियों को बंद भी किया जा सकता है.
क्राइटेरिया की जांच होगी
आरबीआइ के अधिकारियों के अनुसार एनबीएफसी में जो भी निदेशक होंगे, उनका क्राइटेरिया देखा जायेगा. इसमें यह देखा जायेगा कि वह किसी डिफॉल्टिंग कंपनी में कार्यरत न हो. उस पर कोई इन्क्वायरी न चल रहा हो, बैंक करप्ट न हो.
आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक, मनोज वर्मा ने बताया कि कंपनी के मैनेजमेंट में बदलाव करने पर भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति अनिवार्य होगी. सभी एनबीएफसी को इस नियमों का पालन करना जरूरी होगा.
क्यों ऐसा किया गया
एनबीएफसी पहले बिना बताये ही अपने मैनेजमेंट में बदलाव कर देती थी. फिर कुछ घटनाएं होने पर जानकारी मिलती थी कि संबंधित व्यक्ति का पता ही नहीं चल रहा है. अब उस कंपनी के मैनेजमेंट को कोई दूसरा व्यक्ति देख रहा है. फिर चाह कर भी कुछ कार्रवाई नहीं हो पाती थी.