लोकसभा में शुक्रवार को सांसदों की चिंताओं को स्वीकार करते हुए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार ने सुधारात्मक उपाए किए हैं। इससे पहले कुछ सांसदों ने प्रश्नकाल के दौरान इस मामले को उठाते हुए कहा कि डॉक्टरों के स्पष्ट नहीं लिखने के कारण गंभीर परिणाम हो सकते हैं और कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है।
नड्डा ने कहा- "सरकार ने भारतीय चिकित्सा परिषद नियमन 2002 के नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसमें कहा गया है कि डॉक्टर जेनेरिक दवाओं का नाम स्पष्ट और कैपिटल लेटर में लिखें।"