मालपुर नवनिर्मित अरावली जिले का हिस्सा है। गांव को सजाने-संवारने के मकसद से एक आर्किटेक्ट दिलीप सोनी सहयोगियों के साथ यहां डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने दो सप्ताह में ही गांव की तस्वीर बदल दी है। गांवों के प्रति लोगों में आकर्षण पैदा करने के उद्देश्य से वे इस काम में लगे हैं। सौंदर्यीकरण का बजट 25 लाख रुपए है। अभी सिर्फ पांच लाख रु. खर्च हुए हैं और घरों की दीवारें अपना वैभव खुद कहने लगी हैं। गलियां आम ही नहीं खास लोगों को भी लुभा रही हैं। एक किलोमीटर सड़क के दोनों किनारे के घर आर्ट की छटा में रंगे जा चुके हैं। यहां से गुजरने पर महसूस होता है मानो किसी आर्ट गैलरी से निकल रहे हों।
इसलिए चुना ये गांव :
दिलीप सोनी का मूल गांव मोडासा में है। कर्मभूमि अहमदाबाद। मालपुर उनका ननिहाल है। उनके पिता ने बतौर पोस्ट मास्टर यहां नौकरी की थी, इसलिए गांव को संवार रहे हैं।
कुछ दिन गुजारिए गांव में :
शहरीकरण के कारण गांव तेजी से टूट रहे हैं। गांवों की असली पहचान और प्रकृति को बचाए रखना जरूरी है। गांवों को सुंदर बनाने एवं ‘कुछ दिन तो गुजारिए गांव में’ विचार के साथ ये काम शुरू किया है। मित्र और समान विचार वालों का साथ मिल रहा है। प्रोजेक्ट को नाम दिया है- ‘वैलकम टू होम’।
नए कलेवर से सज रही गलियां:
मालपुर ग्राम पंचायत की सरपंच आशाबहन महेता एवं उप-सरपंच हसमुख महेता इस पहल से आनंदित हैं। वे कहते हैं कि- सौंदर्यीकरण के इस काम से हमारे गांव को नई पहचान मिलेगी। गलियां नए कलेवर से सज रही हैं।