स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग

कृषि क्षेत्र में संकट दूर करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने किसानोन्मुखी कृषि नीति तैयार करने, खेती को उद्योग का दर्जा देने, खेती योग्य जमीन को बचाने और किसानों को कर्ज माफी सुगम बनाने का विचार रखा।

लोकसभा में राष्ट्रीय कृषक आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के संबंध में राजू शेट्टी के निजी संकल्प पर चर्चा की शुरुआत करते हुए बीजद के भर्तहरि महताब ने कहा कि किसानों के लिए अलग कृषि नीति बनाने की जरूरत है, जो छोटे किसानों और महिलाओं के हितों की रक्षा करने वाली हो। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की लागू करना जरूरी है, क्योंकि कर्ज में फंसकर किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।

भाजपा के प्रह्लाद पटेल ने कहा कि पहले खेती को सम्मान से देखा जाता था, लेकिन आज स्थितियां बदल गई हैं। कर्ज से दबे किसान को मदद की जरूरत है। अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि आज खेती की लागत बढ़ गई है, लेकिन किसानों को उस अनुपात में लाभ नहीं मिल रहा है। भाजपा के सत्यपाल सिंह ने कहा, आजादी के बाद से जिन लोगों ने कृषि नीति बनाई, उन्हें देश की जमीनी कृषि व्यवस्था की जानकारी नहीं थी। देश में तकनीकी एवं कृषि व्यवस्था बनाने पर ध्यान नहीं दिया गया। आम आदमी पार्टी के भगवंत मान ने कहा, खेती की लागत बढम्ी है, लेकिन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है।

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