लाखों सिप्रोसिन- 500 अभी भी बाजार में, 2 लाख ही हुई जब्त

रायपुर। सिप्रोसिन- 500 खाने से अब तक प्रदेश में 20 जानें जा चुकी हैं। यह दवा खम्हारडीह स्थित महावर फार्मा प्रालि में ही बनी है। बुधवार को डॉ. अंबेडकर अस्पताल में कसडोल, हसुआ निवासी लक्ष्मी साहू ने दमतोड़ दिया तो उनकी पत्नी अमरिका साहू आईसीयू में भर्ती हैं।

सवाल यह है कि आखिरकार हाईकोर्ट के उस आदेश का क्या हुआ, जो सिप्रोसिन से हो रही मौत के बाद राज्य शासन को जारी किया था? हाईकोर्ट ने कहा था कि घर-घर जाकर, गांव-गांव कैंप लगाकर सिप्रोसिन की जब्ती की जाए। स्वास्थ्य संचालक ने सभी जिला सीएमएचओ को निर्देश भी जारी किए थे। हालांकि विभाग दावा कर रहा है कि 2लाख टैबलेट जब्त की जा चुकी है।

मगर राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अफसरों का कहना है कि महावर फार्मा से जब्त दस्तावेजों के मुताबिक वहां कई लाख सिप्रोसिन बनी थी। सरकारी अफसरों की डिमांड पर तो सिप्रोसिन बनती ही थी, साथ ही पिछड़े जिलों में सप्लाई के लिए भी। सिप्रोसिन की एक स्ट्रिप की कीमत 60 रुपए थी। अकेले सिप्रोसिन से ही महावर कई लाखों रुपए कमा लेता था। यह दवा एंटीबायोटिक के रूम में इस्तेमाल में लाई जाती है। इस मामले में अस्पताल के मेडिसिन विभाग ने एक पत्र अधीक्षक को लिखा है, जिसमें लक्ष्मी साहू, उनकी पत्नी अमरिका साहू के सभी जांच हैं।

कहा यह भी गया है कि सिप्रोसिन की रैपर की जब्ती कर मामला पुलिस को सौंपा जाए। मौदहापारा चौकी प्रभारी मंशाराम ध्रुव का कहना है कि मर्ग कायमी कर, बिसरा और अन्य सामान की जब्ती कर गिरौधी पुलिस को मामला सौंपा जा रहा है। ‘नईदुनिया’ को मिली जानकारी के मुताबिक कई जिला सीएमएचओ ने महावर फार्मा से लाखों रुपए की सिप्रोसिन खरीदी की थी, जो अभी भी सीएमएचओ कार्यालयों में रखी हुई हैं।

अमरिका ने 1टैबलेट खाई तो बच गई जान-

लक्ष्मी साहू को 27 नवंबर को अंबेडकर में भर्ती करवाया गया था और मंगलवार की देर रात उसकी मौत हो गई। परिवार वालों ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर ने महावर फॉर्मा में बनी सिप्रोसिन दी थी। लक्ष्मी ने 6 टैबलेट खा ली थी, और अमरिका ने 1इसलिए उसकी जान बच गई। इलाज कर रहे डॉक्टर्स का कहना है कि सिप्रोसिन खाने के बाद तेजी से लक्ष्मी का बीपी बढ़ा और एकदम से घट गया, इसी दौरान उसकी मौत हो गई। सिप्रोसिन में जिंक फासफाइट है, जो तेजी से जानलेवा गैस बनाता है।

लगाए जा रहे हैं कैंप

सभी जिला सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं कि वे टीमें बनाकर, सिप्रोसिन की जब्ती करें। गांव-गांव कैंप लगाए जा रहे हैं। (पूछे जाने पर की क्या स्थानीय खरीदी पर रोक लग सकती है, बोले…) स्थानीय खरीदी पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। -आर. प्रसन्ना, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं

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