रेलवे फ्रेट कारिडोर परियोजना के लिए फरीदाबाद में 20 गांवों की 444 एकड़ भूमि पहले अधिग्रहण की जा चुकी है। इस भूमि का अवार्ड पिछले वर्ष 2013 में सितंबर में सुनाया गया था। अवार्ड कलेक्टर रेट के अनुसार सुनाया गया है। मुआवजा प्रति एकड़ निर्धारित कलेक्टर रेट से 60 फीसद बढ़ाकर दिया गया है जिससे अलग-अलग गांवों को अलग-अलग रेट से मुआवजा दिया गया है। अधिकतर गांवों के किसान मुआवजा भी उठा चुके हैं। सरकार ने अब परियोजना के लिए सभी 20 गांवों में 70 हेक्टेयर भूमि और अधिग्रहण करने की योजना तैयार की है। यह भूमि ज्यादातर ऐसी हैं जिसमें किसी किसान का कोई ऐसा टुकड़ा बच गया है, जिस पर खेती करना संभव नहीं है। रेलवे लाइन जहां किसान के खेत के बीच से निकाली जा रही है और खेत के दो छोटे-छोटे टुकड़े बच गए हैं। ऐसी जमीन अधिग्रहण को लेकर किसान सरकार पर लगातार दवाब बनाए हुए थे।
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डेडिकेटेड रेलवे फ्रेट कारीडोर परियोजना के लिए 70 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण करने के लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है और इसके लिए गांवों में किसानों को नोटिस भेज दिए गए हैं। किसानों को संबंधित जमीन के बारे में अपने दावे व आपत्तिएक महीने के अंदर प्रशासन के पास दर्ज कराने हैं। फिर किसानों के दावे-आपत्तिायों पर सुनवाई की जाएगी। उसके बाद भूमि अधिग्रहण कर ली जाएगी।
-कुलवीर सिंह ढाका, भूमि अर्जन अधिकारी एवं जिला राजस्व अधिकारी, फरीदाबाद।