डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। डेंगू के संदिग्ध मामलों के आने का सिलसिला जारी है। सरकारी व निजी दोनों अस्पतालों में डेंगू के संदिग्ध मामले आ रहे हैं। बृहस्पतिवार को संदिग्ध तीन नए मामले प्रकाश में आए।
इनमें से दो निजी अस्पताल से संबंधित हैं और एक मरीज का इलाज बादशाह खान अस्पताल में चल रहा है। अब जिले में डेंगू संदिग्ध 205 मामले हो गए हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग ने अब तक डेंगू के 58 मामलों की पुष्टि की है। डेंगू के साथ मलेरिया का भी प्रकोप बढ़ गया है। मलेरिया के अब तक 132 मामले आ चुके हैं।
निजी अस्पतालों ने डेंगू संदिग्ध मामलों की जानकारी जिला स्वास्थ्य विभाग को दे दी है। साथ ही सभी मरीजों के रक्त के नमूने भी भेजे गए हैं। नमूनों की जांच एक, दो दिन में सरकारी प्रयोगशाला में कराई जाएगी। जिला मलेरिया अधिकारी डा. रामभगत ने बताया कि सामान्य बुखार के किसी भी मरीज को डेंगू की आशंका हो तो सरकारी प्रयोगशाला में डेंगू की जांच करा लें।
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साफ पानी में एडीज तथा एनाफ्लीज
का लार्वा पनपता है। एडीज के कारण डेंगू एनाफ्लीज लार्वा से मलेरिया पनपता है। लोग स्वयं जागरूक हों। टंकियों का पानी साफ रखें। पानी में एक बड़ा चम्मच मिट्टी का तेल या पेट्रोल डाल दें। इससे पानी में लार्वा को विकसित होने का मौका नहीं मिलेगा। अपने घर व आसपास के क्षेत्रों में पानी इकट्ठा न होने दें। टूटे-फूटे बर्तन, कम, गमले व टायर में पानी जमा न हो। इन बातों पर ध्यान दें।
-डा. गुलशन अरोड़ा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।
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इस मौसम में खान-पान तथा रहन-सहन पर ध्यान देने की जरूरत है। सामान्य बुखार होने पर अपनी मर्जी से कोई भी दवा न लें। अगर पांच, छह दिन में बुखार ठीक नहीं होता है तो रक्त की जांच अवश्य करवाएं, ताकि वास्तविक स्थिति का पता चल सके। बच्चों व बुजुर्गो में रोगों से लड़ने से क्षमता कम होती है। इसलिए बच्चों तथा बुजुर्गो की सेहत पर खास ध्यान दें।
-डा. रामभगत, जिला मलेरिया अधिकारी।
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डेंगू के मामलों का ब्योरा
वर्ष——-मामले
2010——-08
2011——-73
2012——-52
2013——417
2014——-58।
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मलेरिया के पिछले वर्ष के मामलों का ब्योरा
वर्ष ——-पुष्ट मामले
2010——–125
2011——–259
2012——–890
2013——–1012
2014——–132।