कोर्ट ने कहा, सामाजिक न्याय के दायरे में आने वाले अनेक मामले कई सालों से शीर्ष अदालत में लंबित हैं। मुख्य न्यायाधीश का मत है कि ऐसे मामलों के यथाशीघ्र निस्तारण के लिए विश्ोष दृष्टिकोण अपनाना होगा। ताकि जनता को संविधान प्रदत्त अधिकारों का लाभ मिल सके। सर्वोच्च अदालत के अनुसार मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने ऐसे मामलों के निपटारे के विशेष रूप से सामाजिक न्याय पीठ गठित करने का आदेश दिया है। सामाजिक पीठ के सदस्यों में जस्टिस मदन बी लोकुर और उदय उमेष ललित को शामिल किया गया है।
सामाजिक न्याय से संबंधित मामलों में अतिरिक्त सूखा प्रभावित इलाकों में रहने वालों के लिए अनाज मुहैया कराना, सार्वजनिक वितरण के लिए नई योजना तैयार करना, पौष्टिक आहार के अभाव में महिलाओं और बच्चों की मौतों की रोकथाम के उपाय, रैनबसेरों की व्यवस्था और सभी नागरिकों के लिए चिकित्सा, पेयजल और जबरन देह व्यापार में धकेले गए वर्ग को रहने योग्य माहौल उपलब्ध कराना शामिल है। यह पीठ पहले से जारी ऐसे मामलों की सुनवाई ही नहीं करेगी, बल्कि नए मामले भी इसी पीठ के समक्ष आएंगे।
सुप्रीम कोर्ट में ग्रीन बेंच, कालाधन बेंच, ताजमहल संरक्षण बेंच और गंगा सफाई बेंच पहले से बनी हैं, जो इन मामलों की लगातार मॉनिटरिंग करती हैं।