1500 गांवों को मिलेगा पानी

इंदौर। प्रदेश की जीवनरेखा नर्मदा अब गंभीर नदी में प्रवाहमान होकर मालवा के पठार को तर करेगी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का जमीनी काम चार माह बाद शुरू होगा। इसके लिए सरकार ने दो दिन पहले 2157 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है। नर्मदा-गंभीर मिलन से इंदौर को भी फायदा होगा। इससे यशवंत सागर तालाब सालभर लबालब रहेगा।

बड़वाह की मुख्य नहर से नर्मदा जल गंभीर नदी के उद्गम स्थल अंबाचंदन गांव (महू के समीप) तक 50 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाकर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए टोपोग्राफी सर्वे, भूअर्जन सहित अन्य काम पहले ही पूरे हो चुके हैं। टेंडर खोलने से पहले 3 दिसंबर को प्री-बिड मीटिंग बुलाई गई है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए ) चाहता है कि सिंहस्थ के पहले नर्मदा का पानी गंभीर नदी में छोड़ा जाए।

नदी का पानी 50 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए दिया जाएगा, जबकि इंदौर के साथ 1500 गांवों को पेयजल मिलेगा। इससे 1300 एमएलडी पानी प्रतिदिन आएगा। नर्मदा को मालवा से जोड़ने वाला यह प्रदेश का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। नर्मदा-शिप्रा लिंक योजना से 436 एमएलडी पानी आ रहा है, लेकिन यह प्रोजेक्ट फिलहाल अनुपयोगी साबित हो रहा है।

शहर को मिलेगा सस्ता पानी

– यशवंत सागर डेम गंभीर नदी पर बना है। अभी सालभर का पानी डेम में संग्रहित कर रखना पड़ता है और 30 एमएलडी पानी प्रतिदिन सप्लाई के लिए लिया जाता है।

– नर्मदा का पानी गंभीर में छोड़ने से यशवंत सागर तालाब में पानी की उपलब्धता सालभर बनी रहेगी और 60 एमएलडी पानी प्रतिदिन लिया जा सकेगा। यशवंत सागर तालाब से नगर निगम को अभी 13 रुपए प्रति हजार लीटर पानी लाने में खर्च करना पड़ता है, जबकि जलूद से आ रहे प्रति हजार लीटर पानी पर 29 रुपए खर्च होते हैं।

– गंभीर नदी के आसपास बसे 1500 से ज्यादा गांवों को पानी पहुंचेगा। शुद्धिकरण प्लांट पंचायतों को लगाना होंगे।

भू-अर्जन से बचने के लिए नहर नहीं

नर्मदा जल से 50 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी, लेकिन प्रोजेक्ट में नहर नहीं बनाई जाएगी। नहर के लिए विभाग को खेतों की जमीन अधिगृहित करना पड़ती है। इसलिए केवल पाइप बिछाए जाएंगे और खुदाई के दौरान सिर्फ फसल का मुआवजा देना होगा। सिंचाई के लिए प्रत्येक 40 हेक्टेयर दूरी पर आउटलेट दिया जाएगा। वहां से खेतों के लिए पानी छोड़ा जाएगा। -नप्र

शुरू होगा काम

प्रोजेक्ट के लिए 2147 करोड़ के टेंडर बुलाए गए हैं। 1300 एमएलडी पानी गंभीर नदी में छोड़ा जाएगा। तीन-चार माह में काम शुरू हो जाएगा। इस योजना से मालवा के बड़े हिस्से को फायदा होगा।

– आदिल खान, उपायुक्त, एनवीडीए

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