महिलाओं के साथ अपमानजनक बात करना भी होगा ‘यौन उत्‍पीडन’ के दायरे में

नयी दिल्‍ली: महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के मद्देनजर बुधवार को लोकसभा में मुद्दा उठाया गया. कार्मिक, लोक शिकायतों एवं पेंशन मामले के राज्‍यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कार्य क्षेत्र में महिलाओं के साथ किया अपमानजनक व्‍यवहार भी यौन उत्‍पीडन के दायरे में आ सकता है.

जितेंद्र सिंह ने सवाल का जवाब लिखित रूप से देते हुए कहा कि ‘महिलाओं के साथ मौजूदा या भावी रोजगार को लेकर धमकी देना या ऐसा कोई भी व्‍यवहार जिससे उसके स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा पर असर पडता हो, यौन उत्‍पीडन के समान माना जा सकता है.’ कार्मिक और लोक शिकायत मंत्री ने आगे बताया कि इसके अलावे कार्य क्षेत्र में महिलाओं के कामकाज में बाधक बनना और आक्रमक रूप से डराना या धमकाने वाला माहौल बनाना भी यौन उत्‍पीडनकी श्रेणी में आ सकता है.
मंत्रालय ने पिछले 19 नवंबर को सेवा नियमों में संशोधन करते हुए कार्य स्‍थलों पर हुए यौन उत्‍पीडन की पेशकश की थी. केंद्रीय लोक सेवा की नयी परिभाषा के अनुसार शारीरिक संपर्क, इशारा करना, अश्‍लील तस्‍वीर दिखाना या टिप्पणी करना या कोई अन्‍य व्‍यवहार जो महिलाओं केअमिता के विरुद्ध हो, यौन उत्‍पीडन के दायरे में आएगा. यह नियम केंद्र सरकार द्वारा प्रत्‍यक्ष्‍ा या अप्रत्‍यक्ष रूप से सहायता ले रहे विभागों, संगठन, उपक्रम आदि में लागू किया जाएगा.

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