श्रीमती साहू ने सोमवार को नई दिल्ली के शास्त्री भवन में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण मंत्री श्रीमती गांधी से मुलाकात कर राज्य के महिला एवं बाल विकास से संबंधित लंबित विषयों पर उनका ध्यान आकृष्ट कराया।
श्रीमती साहू ने कहा कि समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) में राज्य को विभिन्न मदों के अंतर्गत केन्द्र से कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। साथ ही आईसीडीएस के नियमित प्रशिक्षण तथा एमआईएस प्रशिक्षण के लिए केन्द्र के पास 444 लाख का अनुदान स्वीकृत किये जाने हेतु प्रस्ताव भी प्रेषित किया गया है, जो कि आज तक लंबित है।
केन्द्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ के विभिन्न लंबित प्रस्तावों पर विचार व उसकी स्वीकृति हेतु तत्काल विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाकर उसका जल्द निराकरण किये जाने का उन्हें भरोसा दिया है।
श्रीमती साहू ने बताया कि, राज्य में संचालित मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, नवा जतन योजना, रेडी-टू-ईट योजना और पूरक पोषण आहार जैसी योजनाओं के फलस्वरूप प्रदेश में कुपोषण की दर में कमी आई है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ 11 से 18 वर्ष की सभी किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराने वाला देश का पहला राज्य है।
उन्होंने राज्य के 38 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन क्रय करने के लिए केन्द्र से 22.11 करोड़ रूपये के राशि की मांग की है। राज्य के सभी 27 जिलों में प्रस्तावित निर्भया केन्द्रों के निर्माण की स्वीकृति भी दिये जाने का केन्द्र सरकार से आग्रह किया है। इस संबंध में उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि प्रस्तावित निर्भया केन्द्र हेतु भूमि आबंटन की सूची केन्द्र शासन को भेजी जा चुकी है।