तमिलनाडु मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इस कंपनी द्वारा बनाई गई दवा को अमानक पाए जाने पर 20 जनवरी 2014 से 19 जनवरी 2016 तक के लिए ब्लैक लिस्टेड किया है। जम्मू कश्मीर और राजस्थान में कंपनी की प्रोडक्शन यूनिट है।
नियम है कि अगर किसी कंपनी की दवा ब्लैक लिस्टेड हो या कंपनी का लाइसेंस रद्द हो तो उस कंपनी की दवा नहीं खरीदी जा सकती। पड़ताल में सामने आया कि जुलाई 2013 को सीजीएमएससी ने दवा सप्लाई की ऑनलाइन निविदा बुलाई गई थी। लेकिन 1 दिन बाद ही इरिथ्रोमाइसिन 250 मिलीग्राम और मलेरिया की एक दवा को निविदा से हटा दिया गया। कंपनियों को कहा गया कि वे इन उत्पादों की दरें न भरें। लेकिन विवेक फार्माकेम ने इन दोनों उत्पादों के लिए निविदा भरी, जिसे मान्य करते हुए 16 लाख 20 हजार की दवा सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया गया।
कंपनी को 10 नवंबर 2014 को इरिथ्रोमाइसिन 250 की सप्लाई के लिए 11 लाख 10 हजार 960 रुपए का एक और ऑर्डर दिया गया। ‘नईदुनिया’ ने तमिलनाडु मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड की वेबसाइट पर जाकर अध्ययन किया। इसमें बीएल- 241 नंबर पर लिखा है कि विवेक फार्माकेम (इंडिया) लिमिटेड की दवा डाइक्लोफेनॉक सोडियम टेबलेट 50 एमजी जांच में अमानक पाई गई है, जिसे ब्लैक लिस्टेड किया जाता है।
यह दर्द निवारक दवा है। जम्मू-कश्मीर के ड्रग एंड फूड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट पर मिली जानकारी के अनुसार इस कंपनी के उत्पाद सेफ्ट्राजिडिम इंजेक्शन, जो सरकारी सप्लाई था, 6 बार जांच में फेल हुआ है। वहीं एमपीसिलीन इंजेक्शन 2 बार, वेनकोमाइसिन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन अमानक पाया गया है। यह मई 2013 की रिपोर्ट है, जिसके बाद ही सीजीएमएससी ने विवेक फार्माकेम को करोड़ों के ऑर्डर जारी किए।
क्या कहता है नियम-
सीजीएमएससी की निविदा शर्त के अनुसार यदि किसी कंपनी का कोई उत्पाद या कंपनी को किसी भी राज्य द्वारा ब्लैक लिस्टेड किया जाता है तो वह उस उत्पाद की निविदा में हिस्सा नहीं ले सकती है। सीजीएमएससी द्वारा निविदा में कंपनी से शपथ पत्र लिया जाता है कि निविदा के दौरान कंपनी ब्लैक लिस्टेड पाई जाती है तो उसकी निविदा अमान्य करते हुए, जमानत राशि राजसात कर ली जाएगी।
गलत होगा तो कार्रवाई करेंगे
इस बारे में जानकारी नहीं है। राज्य सरकारें अगर किसी कंपनी का लाइसेंस रद्द करती हैं या फिर ब्लैक लिस्टेड करती हैं तो कई बार हम तक जानकारी नहीं पहुंच पाती है। अब विवेक फार्माकेम द्वारा जो दस्तावेज टेंडर भरते वक्त लगाए गए हैं, उन्हें देखना होगा। अगर कंपनी ने गलत जानकारी दी है तो कार्रवाई करेंगे। इस संबंध में प्रताप सिंह ने भी मुझसे पूछा था।
स्वागत साहू, प्रबंधन संचालक, सीजीएमएससी
जानकारी लेता हूं
मैं इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेता हूं। -डॉ.आलोक शुक्ला, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग
सीजीएमएससी द्वारा जारी ऑर्डर-
तारीख- दवा का नाम- कीमत
10नवंबर 2014- डाइक्लोफेनॉक सोडियम टैबलेट- 11,00,800रुपए
10नवंबर 2014- इरिथ्रोमाइसिन टैबलेट- 11,10,960रुपए
07नवंबर 2014- सेफाड्रोक्सिल ओरल सिरप- 9,24,630रुपए (साइट- जम्मू एंड कश्मीर)
15अक्टूबर 2014- फेरस सल्फेट एंड फोलिक एसिड सिरप- 60,74,514रुपए (साइट- राजस्थान)
15अक्टूबर 2014- पैरासिटामॉल सिरप- 31,99,760रुपए (साइट- राजस्थान)
15अक्टूबर 2014- एमोसीक्सिलीन- 26,05,185रुपए (साइट- राजस्थान)
15अक्टूबर 2014- आईबुप्रोफेन टैबलेट- 27,82,581रुपए (साइट- राजस्थान)
15अक्टूबर 2014- सेफट्राइएक्सोन इंजेक्शन- 19,53,000रुपए (साइट- राजस्थान)
15अक्टूबर 2014- सेफ्ट्राजिडिम इंजेक्शन- 24,68,650रुपए (साइट- राजस्थान)
13अक्टूबर 2014- कोट्राइमाक्साजोल टैबलेट- 98,95,501रुपए (साइट- राजस्थान)
13अक्टूबर 2014- फेरस सल्फेट एंड फोलिक एसिड सिरप- 86,95,998रुपए (साइट- राजस्थान)
13अक्टूबर 2014- फेरस सल्फेट एंड फोलिक एसिड सिरप- 60,74,514रुपए (साइट- राजस्थान)
13अक्टूबर 2014- पेरासिटामॉल सिरप- 65,76,528रुपए 13अक्टूबर 2014- (साइट- राजस्थान)
13अक्टूबर 2014- क्लोरोक्विइन फास्फेट टैबलेट- 2,49,60,978रुपए। (साइट- राजस्थान)
8मई 2014- इरिथ्रोमाइसिन टैबलेट- 2,71,568रुपए