सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को हिंदुस्तान टाइम्स समिट को संबोधित करते हुए कहा कि मुंबई में सी-प्लेन सेवा की शुरुआत हो चुकी है। गंगा नदी पर जलमार्ग बनाने के लिए सरकार को विश्व बैंक से चार हजार करोड़ से अधिक का कर्ज मिल चुका है। गंगोत्री से हल्दिया तक 26 पुलों का निर्माण होना है। जिससे गंगा के पानी की गहराई को बढ़ाया जा सके। इसी प्रकार देश की सभी छोटी-बड़ी नदियों पर जलमार्ग बनाने की योजना है।
इसके लिए परिवहन मंत्रालय नया विधेयक बनाएगा। जिसे संसद में पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जलमार्ग परिवहन सेवा सड़क परिवहन की अपेक्षा तीन गुना सस्ती होती है। ईधन की खपत कम होगी और पर्यावरण को कम नुकसान होगा। राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की लागत को कम करने के लिए सीमेंट व स्लैग सीमेंट का प्रयोग किया जाएगा। इससे राजमार्ग 100 साल तक टिकेंगे और सड़क मरम्मत पर खर्च नहीं करना होगा। इसके अलावा सरकार बॉयोडीजल, ऐथनॉल आदि ईधन के विकल्पों पर अपनाएगी। जिससे विदेशों से पेट्रोल-डीजल के आयात का बिल कम होगा।
एक सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा कि सरकार को ध्यान पीपीपी मोड पर नहीं है। एक लाख 80 हजार करोड़ लागत की राष्ट्रीय राजमार्ग परियेाजनाएं फंसी हुईं हैं। इसलिए चालू वित्तीय वर्ष में ईपीसी (सरकारी धन) से दो हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने दावा किया है कि अगले दो साल में देश में प्रतिदिन 30 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा। गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों की गलत डिजाइन के कारण देश में पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में एक लाख 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। सरकार ब्लैक स्पॉट और राजमार्गों की डिजाइन में सुधार करेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्षेत्र के विकास से देश की जीडीपी में दो फीसदी का सहयोग किया जाएगा।