हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पेयजल, शौचालय निर्माण और सोलर लाइट के लिए जो राशि उपलब्ध करा रही है, उसे खर्च नहीं किया जा रहा है. प्रभात खबर के दफ्तर में मंगलवार की शाम आये केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इस मायने में मॉनीटरिंग एजेंसी है.
राज्य सरकार का जो भी प्रस्ताव होगा, हम उसे मंजूरी दिलायेंगे. उन्होंने कहा कि सवाल बिहार के हितों का है. इसको लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और विभागीय मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह से मिल कर विचार-विमर्श करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के बेटा होने के नाते वह राज्य के हित के लिए जो भी बन पड़ेगा, करेंगे. राज्य सरकार को केंद्र द्वारा उपलब्ध राशि खर्च करनी चाहिए.
जितना पैसा खर्च होगा, उतनी ही राशि और मिलेगी. उन्होंने कहा कि अब भी राज्य के साठ फीसदी सरकारी स्कूल व 75 प्रतिशत से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र शौचालय विहीन हैं. श्री यादव ने बताया कि सोलर इनर्जी के लिए केंद्र सरकार से 5.73 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं, जो खर्च नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार के खाते में पेयजल के लिए 249.3 करोड़ रुपये पड़े थे. इस वर्ष केंद्र ने 483.81 करोड़ रुपये का आवंटन किया. इसमें अब तक 187.36 करोड़ रुपये जारी किये गये. लेकिन, 18 नवंबर तक के विभागीय आंकड़े बताते हैं कि राज्य सरकार इनमें महज 178.18 करोड़ रुपये ही खर्च कर पायी है.