5 घंटे में 132 नसबंदी: डॉक्‍टर ऑपरेशन करती गईं, वार्ड ब्‍वॉय पकड़ कर बाहर लिटाते गए

घुवारा (‌छतरपुर). छत्‍तीसगढ़ में नसबंदी में लापरवाही से करीब डेढ़ दर्जन मौतों के बाद मध्य प्रदेश के छतरपुर में नसबंदी में लापरवाही का मामला सामने आया है। छतरपुर जिले के घुवारा में लक्ष्य पूरा करने के लिए एक ही रात में पांच घंटे में 132 महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन कर दिए गए। शनिवार रात करीब 9 बजे से डॉ. गीता चौरसिया ने ऑपरेशन करना शुरू किए। उन्होंने रात 2 बजे तक 132 महिलाओं की नसबंदी कर दी। महिलाओं को ऑपरेशन रूम से बाहर लाने के लिए स्ट्रेचर भी नहीं थे। दो वार्ड बॉय उनके हाथ-पैर पकड़कर लाते और हॉल में जमीन पर लिटाते गए। इन्हें ओढ़ाने के लिए पर्याप्त कंबल तक नहीं थे।

आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नसबंदी का लक्ष्य दिया गया है। वे महिलाओं को बहला-फुसलाकर ला रही हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी इन महिलाओं से अमानवीय बर्ताव कर रहे हैं। ठंड में न तो अलाव की व्यवस्था थी, न पीने का पानी था, न ही परिजन के ठहरने का इंतजाम था। परिजन को छोटे-छोटे बच्चों के साथ खुले मैदान में बैठने को कहा गया। जबकि महिलाओं को एक ही कमरे में बैठाया गया।

आशा कार्यकर्ताओं ने लगाए इंजेक्शन

ऑपरेशन से पहले महिला को विशेषज्ञ द्वारा बेहोशी के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। लेकिन यहां आशा और ऊषा कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को इंजेक्शन लगाए। बीएमओ डॉ. जेपी यादव का कहना है- शिविर तो दिन में ही लगने वाला था, लेकिन सर्जन को दिन में समय नहीं था, इसलिए रात में ऑपरेशन करने पड़े। हां, कुछ अव्यवस्था रही, आगे से ध्यान रखेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *