नेटवर्क विस्तार करने के साथ ही प्रति ब्रांच अधिक कारोबार होने और लो-कॉस्ट चैनल जैसे बिजनेस करेसपोंडेंट्स का इस्तेमाल करने से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का ग्रामीण ऑपरेशन अगले पांच सालों में फायदे में आ जाएगा। यह बात सोमवार को क्रिकेट रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी बैंकों का ग्रामीण ऑपरेशन मामलू फायदे में है, जबकि सार्वजनिक बैंकों को ग्रामीण इलाकों में अभी भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले पांच सालों के दौरान ग्रामीण इलाकों में ब्रांच नेटवर्क का विस्तार 9 फीसदी की वार्षिक दर से हुआ है, जबकि प्रति ब्रांच कारोबार में सालाना 7 फीसदी की विकास दर दर्ज की गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री जन धन योजना से बैंकों के ग्रामीण बिजनेस को और तेज गति मिलेगी। एजेंसी ने कहा है कि बैंक अपने ऑपरेटिंग खर्च को भी कम करने में लगे हुए हैं। वे छोटी ब्रांच और बिजनेस करेसपोंडेंट्स का इस्तेमाल बढ़ाकर खर्च घटाने के प्रयास कर रहे हैं। क्रिसिल रिसर्च ने उम्मीद जताई है कि 2018-19 तक बिजनेस करेसपोंडेट्स के जरिये होने वाला ट्रांजक्शन बढ़कर 25-30 फीसदी हो जाएगा, जो कि वर्तमान में 8-13 फीसदी है।