देश में डेढ़ करोड़ लोग जी रहे गुलामी की जिंदगी

मेलबर्न। भारत में लगभग 1.43 करोड़ लोग दासता का जीवन बिताने को मजबूर हैं। दुनियाभर में करीब 35.8 करोड़ इस तरह से जी रहे हैं। इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।

एक अध्ययन के मुताबिक, लोगों को मानव तस्करी के जरिये जबरन विवाह, वेश्यावृत्ति, बंधुआ मजदूरी और कर्ज नहीं चुका पाने के कारण दासता के लिए मजबूर किया जा रहा है।

ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में सोमवार को वॉक फ्री फाउंडेशन ने ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स (वैश्विकगुलामी सूचकांक) नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया कि भारत दासता के मामले में शीर्ष पर है, जबकि चीन दूसरे और पाकिस्तान तीसरे स्थान पर है। भारत में लगभग 1.43 लोग गुलामी की जिंदगी जीने को मजूबर हैं।

चीन में 32,40,000 और पाकिस्तान में 20,60,000 लोग दासता के जाल में फंसे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान में इस तरह के लोगों की संख्या विश्व के 45 फीसद लोगों के बराबर है। वहीं, 2.35 करोड़ एशिया में गुलामी का जीवन जी रहे हैं।

भारत और पाकिस्तान के अलावा उजबेकिस्तान में 12 लाख और रूस में 10,50,000 लोग गुलामी में रह रहे हैं। श्रीलंका, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे देश भी इससे अछूते नहीं हैं।

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