इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मौसमी सर्दी-खांसी का इलाज करने टिकरीपारा निवासी पारथ सिंह ठाकुर पिता स्व. जनकसिंह ठाकुर(38) स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। वहां डॉक्टर ने टेबलेट सिप्रो 500 एमजी दी। इसे खाकर पारथ सिंह ठाकुर के पैरों में अचानक सूजन आ गया। इसके अलावा आंखें पीली हो गई है।
पारथ ठाकुर इसकी शिकायत के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। वहां उन्हें टेबलेट से रिएक्शन होने की बात कही गई। इसके साथ ही मरीज को बिलासपुर सिम्स में भर्ती किया गया। इसी तरह ब्लॉक कॉलोनी निवासी सुनीता यादव पिता प्रहलाद यादव (38) आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पैर में दर्द का इलाज कराने स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थीं।
वहां इन्हें कुछ टेबलेट दिए गए। टेबलेट के खाने के बाद महिला के पैर में सूजन आ गया। इसके साथ ही उसका शरीर पीला पड़ने लगा और आंखें भी सूज गईं। उसके परिजनों ने उन्हें सिम्स में भर्ती कराया है। ऐसे ही एक अन्य मामले में ग्राम बरेला निवासी विक्की ठाकुर(23) बुखार की शिकायत होने पर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। उसे भी केंद्र में टेबलेट दी गई। इसे खाने के बाद उसके चेहरे में सूजन है। उसका भी प्राइवेट हॉस्पिटल में उपचार जारी है। इस मामलों की जानकारी होने पर लोगों ने स्वास्थ्य केंद्र के सामने जमकर नारेबाजी की।
मरीज बढ़ने की आशंका
स्वास्थ्य केंद्र की दवा से अन्य लोगों में भी रिएक्सन होने की आशंका जताई जा रही है। अभी स्वास्थ्य केंद्र में टेबलेट सिप्रो 500 एमजी पर रोक लगा दी गई है। पिछले कुछ दिनों में मरीजों को यह दवा दी जा रही थी। सोमवार को स्वास्थ्य केंद्र में लगभग 60 मरीज पहुंचे थे, जिनमें इसी तरह के लक्षण थे।
महिलाओं को दी गई थी यही एंटीबायोटिक
नसबंदी के बाद महिलाओं को पेंडारी में एंटीबायोटिक के तौर पर सिप्रोफ्लाक्सिन दवा दी गई थी। इसके बाद महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं गया।