राधा मोहन ने कृषि वैज्ञानिकों से एक गांव गोद लेने को कहा

लखनऊ : केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की विभिन्न शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों से एक-एक गांव गोद लेकर उनके निरन्तर सम्पर्क में रहने की अपील की है ताकि शोध संस्थानों का ज्ञान उन तक पहुंच सके सिंह ने आज यहां राष्ट्रीय गन्ना शोध संस्थान में लखनउ एवं आस-पास स्थित कृषि मंत्रालय के विभिन्न शोध संस्थानों तथा कृषि विज्ञान केंद्रों के पदाधिकारियों और वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा संस्थानों में हो रहा शोध गांव तक पहुंचना चाहिए.

हर संस्थान को चाहिए कि वह आस-पास के गांव में संस्थान में हो रहे शोध को जमीन पर उतारे ताकि किसानों को उसका फायदा मिले. उन्होंने कहा हर कृषि वैज्ञानिक को कम से कम एक गांव गोद लेना चाहिए वह गांव चाहे अपना हो अथवा कहीं और का . यदि सात हजार कृषि वैज्ञानिक एक -एक गांव गोद ले ले तो कृषि क्षेत्र में क्रांति हो सकती है. इस मौके पर सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों एवं पदाधिकारियों से उनके संस्थानों की उपलव्धियों और समस्याओं की भी जानकारी ली और भरोसा दिलाया कि संस्थानों में खाली पडे वैज्ञानिकों के पद साल भर में भर दिये जायेंगे.
उन्होंने पूर्ववर्ती केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि विगत 10सालों तक विकास के क्षेत्र ठहराव आ गया था और कारीगर को औजार में ही कमी दिखाई पडती थी अब औजार वही है लेकिन देश का कारीगर बदल गया है और हालात तेजी से बदलने लगे हैं.
कृषि मंत्री ने परोक्ष रुप से उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी पर भी व्यंग किया और कहा ्र ै ै प्रदेश सरकार को प्रदेश भर की ही नहीं एक परिवार की विशेष चिन्ता रहती है. सिंह ने संवाद्दाताओं से बातचीत में प्रदेश में पडे सूखे के बारे में केंद्र सरकार से राहत पैकेज के बारे में पूछे जाने पर कहा कि प्रदेश सरकार की रिपोर्ट की प्रतीक्षा है.

उन्होंने कहा केंद्र सरकार की टीम प्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में खेती किसानी को हुए नुकसान का जायजा ले चुकी है मगर अभी तक प्रदेश सरकार की तरफ से कुछ जानकारियां मांगी गयी थीं,उनका ब्यौरा प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मांगी गयी जानकारियों का ब्यौरा मिलते ही संबंधित विभागों की बैठक करके निर्णय ले लिया जायेगा और राहत पैकेज देने में विलम्ब नहीं होगा.

कृषि मंत्री ने कहा कि साल भर के भीतर कृषि मंत्रालय के तहत आने वाले सभी शोध संस्थानों में कृषि वैज्ञानिकों के सारे पद भर दिये जायेंगे और सभी कृषि विज्ञान केंद्रों को अवस्थापना सुविधा की दृष्टि से मजबूत कर दिया जायेगा. उन्होंने यह भी बताया कि कृषि मंत्रालय असम और झारखण्ड में भी राष्ट्रीय कृषि शोध संस्थान जैसे संस्थान स्थापित करना चाहता है और इसके लिए संबंधित राज्यों से जमीन उपलव्ध कराने का आग्रह किया है. सिंह ने कृषि को राजनीति से उपर रखकर इसके समुचित विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ हर तरह से सहयोग करने को तैयार है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *