महंगाई से निजात की राह लंबी

मुंबई। रिजर्व बैंक का मानना है कि जमीनी स्तर पर महंगाई कम होने में अब भी वक्त लगेगा, क्योंकि इनपुट लागत ज्यादा है और खाद्य मुद्रास्फीति का इस तरह की बुनियादी चीजों से गहरा संबंध होता है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एच आर खान ने कहा, "महंगाई से मुक्ति पाने की राह लंबी है।" खान एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि बाजार संभवतः हाल के दिनों की फौरी राहत से संतुष्ट हो गया है। कुल मिलाकर बेपरवाही की स्थिति है।खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ ईंधन के दाम घटने की वजह से सितंबर में खुदरा कीमतों के हिसाब से महंगाई बढ़ने की दर घटकर 6.46 प्रतिशत के स्तर पर आ गई थी। रिजर्व बैंक ने कहा है कि जनवरी, 2015 तक महंगाई दर घटाकर 8 प्रतिशत पर लाना है और जनवरी 2016 तक 6 प्रतिशत पर।

कर्ज सस्ता होने में लगेगा वक्त

केंद्रीय बैंक दो दिसंबर को मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा करने वाला है। चूंकि महंगाई कम हुई है, लिहाजा माना जा रहा था कि रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करेगा। लेकिन महंगाई के बारे में खान ने जो राय रखी, उससे संकेत मिलता है कि बैंकों से मिलने वाले कर्ज सस्ता होने में अभी वक्त लगेगा।

सस्ता कच्चा तेल वरदान

खान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव गिरना भारत के लिए वरदान जैसा है। पिछले दो माह के दौरान ब्रेंट क्रूड में करीब 20 प्रतिशत गिरावट आई है। कच्चे तेल के भाव में भारी गिरावट और रुपए की विनिमय दर में स्थिरता आने के कारण महंगाई से राहत तो मिलेगी ही, सरकार का चालू खाता घाटा भी कम होगा।

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