ऑटो में बेटे का जन्म, आधे घंटे अस्पताल के बाहर तड़पी महिला

भिंड। डिलिवरी के लिए आ रही प्रसूता ने जिला अस्पताल परिसर में ऑटो में बेटे को जन्म दे दिया। प्रसूता की सास और जेठानी मैटरनिटी वार्ड में मदद के लिए डॉक्टर और नर्स को बुलाने गई, लेकिन कोई भी मदद के लिए नहीं आया। आधे घंटे तक प्रसूता दर्द से तड़पती रही, लेकिन उसे इलाज नहीं मिला। बाद में अस्पताल के स्टाफ ने प्रसूता और नवजात को मैटरनिटी वार्ड में एमिट किया।

108 एंबुलेंस नहीं पहुंची

सरस्वती नगर निवासी मनोज यादव की पत्नी सरलादेवी उम्र 25 साल को दोपहर में प्रसव पीड़ा होने लगी। सास रामबेटी का कहना है, उन्होंने 108 एंबुलेंस के लिए फोन करवाया, लेकिन काफी देर तक एंबुलेंस नहीं आई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी नहीं आई। दर्द तेज हुए तो सास रामबेटी और जेठानी दीपादेवी प्रसूता सरलादेवी को ऑटो से अस्पताल लेकर आए। शाम 5ः30 बजे ऑटो अस्पताल परिसर में आया, इसी दौरान सरला ने ऑटो में ही बेटे को जन्म दे दिया। सास और जेठानी दौड़कर अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में पहुंची, लेकिन न तो कोई नर्स आई और न ही दाई ने मदद की। करीब आधे घंटे तक प्रसूता तड़पती रही। परिजन नाराज होने लगे तब स्टाफ ने प्रसूता और नवजात को मैटरनिटी वार्ड में एडमिट किया।

ऑपरेशन में बिजी होने का बहाना

पूछने पर मैटरनिटी वार्ड में काम करने वाले स्टाफ ने बताया कि गुरुवार शाम को जिस समय सरलादेवी के परिजन उन्हें बुलाने आए, ओटी में एक प्रसूता का ऑपरेशन चल रहा था, उसकी हालत सीरियस थी। इस कारण उन्हें मदद में देरी हुई। स्टाफ के इस तर्क पर ध्यान देने वाली बात यह है कि ऐसे में अगर सरलादेवी की हालत नाजुक हो जाती तो उसकी जान भी जा सकती थी। ऐसे में स्टाफ को उसे भी मदद करना चाहिए थी।

इनका कहना है

प्रसूता को मदद मिलना चाहिए थी। परिजन अगर मेरे पास लिखित में शिकायत करेंगे तो इस मामले में जांच कर दोषी पर कार्रवाई करेंगे।

– डॉ. जेएस कुशवाह, आरएमओ, जिला अस्पताल

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