कारोबारी सूत्रों का कहना है कि मुनाफाखोरों द्वारा मिलकर आलू के भाव तय किए जा रहे हैं तथा इनकी सप्लाई भी उनके कहने के अनुसार ही होती है। इनके अलावा बहुत से कारोबारियों के पास अभी भी माल न आने के कारण आलू की किल्लत बनी हुई है। ऐसी ही हालत रही तो आने वाले दिनों में आलू लोगों को और रुलाएगा।
बंगाल से कम आवक के साथ ही यूपी से भी इन दिनों आलू की आवक हो रही है, लेकिन यह भी कम मात्रा में तथा अधिक कीमत में हो रही है। आलू की कीमत में तेजी का इसे भी एक कारण माना जा सकता है।
कारोबारियों का कहना है कि आलू की कमजोर आवक को इन दिनों मुनाफाखोरों ने फायदे का सौदा बना लिया है। इसके थोक व चिल्लर भाव भी मुनाफाखोर ही तय करते हैं। गुरुवार को आलू थोक में गिरने के बाद भी चिल्लर में 32 से 40 रुपए किलो तक बिका। आलू की जमाखोरी भी इसलिए आसानी से हो पा रही है, क्योंकि यह जल्दी खराब होने वाली सब्जी नहीं है।
थोक में फिर घटा
गुरुवार को आलू की थोक कीमत में गिरावट आ गई। थोक मार्केट में यह 200 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट के साथ 2100-2200 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया। कारोबारियों का कहना है कि कीमत में इस प्रकार का उतार-चढ़ाव तो आता ही रहेगा। हालांकि चिल्लर में आलू की कीमत में किसी भी प्रकार से गिरावट नहीं आई है।
आवक पर टिका भाव
आलू की आवक इन दिनों काफी कमजोर है। रोजाना करीब पांच या छह गाड़ियां ही आ पा रही हैं। इसके चलते ही आलू के भाव बढ़े हुए है। आवक सुधरने पर कीमत में भी सुधार आ जाएगा।
-जितेन्द्र दोषी, आलू-प्याज के थोक कारोबारी
जमाखोरों पर होगी कार्रवाई
आलू की जमाखोरी कर दाम बढ़ाने वाले कारोबारियों पर कार्रवाई होगी। प्रशासन के पास भी कुछ सूचनाएं आई हैं। इसके आधार पर गोदामों में छापा मार कार्रवाई की जाएगी।
-संजय अग्रवाल, एडीएम, रायपुर