रायपुर। बांध का पानी खेतों में भरने से मंदिर हसौद के कुरुद गांव में 70 किसानों की फसल तबाह हो गई है। ऐन कटाई के वक्त खेतों में पानी भर गया। इससे पूरी फसल खराब हो गई। अब किसानों के कर्ज में डूबने की नौबत आ गई है। किसानों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है और उनकी नींद हराम हो गई है। किसानों का कहना है कि बांध का पानी खाली करने से उन्हें कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी तैयार नहीं हैं। अधिकारियों का कहना है कि रबी फसल के लिए बांध में पानी स्टोर किया गया है।
कुरुद में 70 किसान सरकारी जमीन पर हर साल धान लगाते हैं। इस साल जब फसल पककर तैयार हुई और किसान काटने की तैयारी में थे तो अचानक बांध का पानी खेतों में दो फुट भर गया, जिससे धान के पौधे नीचे गिर गए। अब धान की बालियों में अंकुरण आ गया है। उल्लेखनीय है कि शासन ने किसानों को खेती के लिए जमीन लीज पर दी है जिसमें किसानों ने खून पसीना बहाकर फसल तैयार की है।
लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते ऐन कटाई के पहले पूरा फसल स्वाहा हो गया। किसानों का कहना है कि गंगरेल का पानी ज्यादा स्टोरेज किया गया है जिसके कारण यह नौबत आई है। इसके पहले भी उनकी फसल खराब हुई है, जिसकी जानकारी होने के बाद भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पानी स्टोरेज करने में लापरवाही की है।
70 किसानों को आवंटित है जमीन
सरकार ने कुरुद के 70 लोगों को जमीन लीज पर खेती के लिए आवंटित की है। यह आवंटन कई सालों से है। इसके लिए किसान राशि भी जमा करते हैं, लेकिन फसलों की सुरक्षा की जवाबदारी से विभाग बच रहा है। अफसरों का कहना है कि लीज की जमीन पर मुआवजा का प्रावधान नहीं है। यह डुबान क्षेत्र है और इसकी जानकारी किसानों को है।
किसान प्रतिनिधिमंडल एसडीओ से मिला
किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में किसानों ने सिंचाई विभाग के एसडीओ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है और बांध का पानी खाली करने की मांग की है।
40 साल से कर रहे खेती
कुरुद के किसान विष्णु मारकंडे ने बताया कि पिछले चालीस साल से उनका परिवार इस खेत में धान बो रहा है। पिछले चार साल से यह नौबत आ रही है, जिससे उनकी फसल खराब हो रही है। फिर भी सिंचाई विभाग ने सावधानी नहीं बरती।
कर्ज लेकर करता हूं खेती
हर साल कर्ज लेकर मैं धान की फसल लगाता हूं। इस साल भी 10 हजार रुपए कर्ज लिया हूं। फसल भी अच्छी थी. ऐन कटाई के समय बांध में पानी भर दिया गया। जिससे उनकी फसल खराब हो गई। -पुनऊराम सिन्हा, किसान, कुरुद
नहीं सुनते अधिकारी
गंगरेल का गेट बंद करने के लिए बांध के अधिकारियों से विनती की गई, लेकिन उन्हें किसानों की नहीं सुनी। -देवेन्द्र मिश्रा, किसान
10 हजार खर्च हुआ है
बीज से लेकर निदाई, गुड़ाई, बियासी और दवा में 10 हजार रुपए तक खर्च हो चुके हैं। अब काटने के समय फसल स्वाहा हो गई। -सेवाराम पटेल, किसान
बालियों में अंकुरण
पानीभरने से पौधे गिर गए हैं और बालियों में बीज अंकुरित होने लगे हैं। -सुखराम नेताम, किसान
रात को नींद नहीं आती
साहब जब से खेत में पानी भरा है मुझे नींद नहीं आ रही है। सोचा था इस साल फसल अच्छी है तो घर में बच्चों की शादी करूंगा, लेकिन अब यह सपना अधूरा रह गया। -गणेश पटेल, किसान
पानी कैसे होगा खाली?
कुरुद बांध का पानी खाली करने के लिए छोटी नहर को काटकर कोल्हान में जोड़ना होगा। इससे दूसरे किसानों की फसल सुरक्षित रह जाएगी और पानी सीधे कोल्हान नाले में बह जाएगा।
किसानों को शासन ने खेती के लिए लीज पर जमीन दी है जिसमें पानी भरा है। इस पानी से रबी फसल को पानी की आपू्र्ति की जाएगी। अब 70 एकड़ फसल के लिए 700 एकड़ का पानी खाली नहीं कराया जा सकता है। ये पूरी तरह डूबान क्षेत्र है, जिसमें पहले ही किसानों को जानकारी दे दी गई है। अगले साल से इनकी लीज समाप्त कर दी जाएगी।
-एएस संनोत्रा, एसडीओ, सिंचाई विभाग