दिल्ली की इस शोध संस्था ने इससे पहले अनुमान लगाया था कि 2014-15 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रहेगी.
एनसीएईआर ने एक बयान में कहा है कि मौजूदा अनिश्चितताओं के बीच अर्थव्यवस्था की बुनियादी हालत कमजोर हुई है पर एफडीआई प्रवाह बढ़ा है और इसकी वजह से मुद्रास्फीति के दबाव से कुछ क्षतिपूर्ति हुई है.
इसके अनुसार, ये हमारे वृद्धि परिदृश्य को पटरी पर लाने में मदद करेंगे या नहीं यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें विदेशी अर्थव्यवस्थाओं की हालत में सुधार भी शामिल है.