पूर्वोत्तर रेलवे में छोटे-बड़े कुल 492 स्टेशन हैं। बिजली की कमी दूर करने के लिए पूर्वोत्तर रेल प्रशासन ने इन स्टेशनों को सौर ऊर्जा पर निर्भर बनाने की पहल शुरू की है। इस योजना का खलीलाबाद सहित आठ स्टेशनों पर प्रारंभिक परीक्षण किया गया है। प्रयोग सफल रहा है। उन स्टेशनों पर सौर ऊर्जा से ही कार्य संचालन किया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेल प्रशासन ने प्रथम चरण के लिए 70 स्टेशनों का चयन कर लिया है। यहां काम पूरा होते ही दूसरे चरण के लिए स्टेशनों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आने वाले दिनों में आरक्षण खिड़की से लेकर सभी कार्यालय सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। वर्तमान में महमूद अवध रेलवे कालोनी के रेलकर्मी प्रयोग के तौर पर सौर ऊर्जा का ही उपयोग कर रहे हैं। दूसरी ओर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन 316 फाटकों को सौर ऊर्जा से जोड़ चुका है। भविष्य में 250 और फाटकों को इससे जोड़ने की योजना है।
सौर ऊर्जा से जगमग होंगे पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशन
प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर। ऊर्जा संरक्षण के लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने महत्वपूर्ण पहल की है। अब उसके सभी रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा से जगमग होंगे। इससे संबंधित प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। बोर्ड की हरी झंडी मिलते ही प्रथम चरण में 70 स्टेशनों पर 10 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र लगने शुरू हो जाएंगे। कहा जा रहा है कि बोर्ड को भी यह योजना पसंद आई है और शीघ्र ही हरी झंडी मिलने के संकेत मिले हैं।