दक्षिण बस्तर रीजनल कमेटी सीपीआई माओवादी(प्रतिबंधित) के सचिव गणेश उईके ने जारी बयान में कहा है कि फासिस्ट मोदी सरकार जनता को विकास का सब्जबाग दिखाकर क्रांतिकारी आंदोलन का दमन करने में लगी है। नक्सल नेता के मुताबिक बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी को माओवाद खत्म करने के नाम पर विशेष छूट देकर यहां भेजा गया है। दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, बस्तर जिलों में पुलिस माओवादियों के नाम पर निर्दोष आदिवाोसियों की हत्या कर रही है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोंटा क्षेत्र के पिडमेल गांव में बीते जुलाई माह में मड़काम हिड़मा व वेट्टी हड़मे की हत्या की गई थी। साथ ही विज्जा उर्फ पोडियम गंगा, गंगालूर क्षेत्र के ग्राम डुमरी पालनार और बस्तर जिले के बुरूगुम में तीन ग्रामीणों की हत्या फर्जी मुठभेड़ में करने का आरोप लगाया गया है। नक्सलियों ने माना है कि इस दौरान माओवादी पार्टी से कुछ लोगों ने समर्पण किया है लेकिन पुलिस जिन 75 लोगों के समर्पण का दावा कर रही है उनमें से ज्यादातर सामान्य ग्रामीण हैं।
नक्सल नेता ने मीडिया कर्मियों पर आरोप लगाते कहा है कि नक्सलियों को लाल आतंकी लिखा जा रहा है जबकि हम भगत सिंह व गुंडाधुर के अनुयायी हैं। साथ ही एक पत्रकार के नाम का उल्लेख करते कहा गया है कि उनके द्वारा समर्पित नक्सलियों को प्रोत्सोहन राशि का चेक प्रदान करना जनहित के विपरीत है। नक्सलियों ने आगामी आठ नवंबर को एक दिवसीय दंडकारण्य बंद की अपील भी की है।