करोड़ों की जमीन एक रुपए में देने पर लगाई आपत्ति

हरीश दिवेकर, भोपाल। एक निजी मेडिकल कॉलेज को 50 करोड़ रुपए की सरकारी जमीन एक रुपए टोकन पर देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अजय तिर्की राजी नहीं है। उन्होंने हेल्थ केयर इंवेस्टमेंट पॉलिसी 2012 के प्रावधानों में बदलाव की आवश्यकता बताते हुए इंदौर में प्रस्तावित नीमा हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के मेडिकल कॉलेज को 20 एकड़ सरकारी जमीन देने का आवेदन खारिज कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा ने हाल ही में बैठक बुलाकर प्रमुख सचिव तिर्की को फटकार लगाई।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव तिर्की से कहा कि जब हेल्थ केयर इंवेस्टमेंट पॉलिसी 2012 के प्रावधानों में एक रुपए टोकन पर जमीन देने का प्रावधान है तो आप उसका पालन करने की बजाए उलट अड़ंगा लगा रहे हैं। इस पर प्रमुख सचिव ने तिर्की ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में गठित समिति उक्त प्रस्ताव को खारिज कर चुकी है, इसलिए वे इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि आप मुझे लिखित में आदेश कर दें मैं प्रस्ताव को मंजूर कर देता हूं।

इस पर मुख्य सचिव भड़क गए उक्त प्रस्ताव पर मेरे निर्देशों का कहीं भी कोई उल्लेख करने की जरूरत नहीं है। जो पॉलिसी कहती है आप बस उसका ही पालन करें। प्रमुख सचिव तिर्की ने कहा कि पॉलिसी में केवल नगर निगम सीमा के बाहर जमीन देने प्रावधान रखा गया है जो कि गलत है जबकि हकीकत यह है कि नगर परिषद और नगर पंचायतों में भी जमीनों की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में करोड़ों की सरकारी जमीन को एक रुपए में देने का प्रावधान गलत है। मैं इसके पक्ष में नहीं हूं।

यह है मामला:

इंदौर के डॉ. प्रमोद नीमा ने इंदौर से एक किलोमीटर दूर राउ नगर परिषद में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सरकार से हेल्थ केयर इंवेस्टमेंट पॉलिसी के तहत 20 एकड़ सरकारी जमीन मांगी थी, जिसे प्रमुख सचिव तिर्की की अध्यक्षता वाली समिति ने 4 अप्रैल को खारिज कर दिया। इसके बाद डॉ. नीमा ने इस मामले में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने मुख्य सचिव से मिलने को कहा।

यह है पॉलिसी:

प्रदेश में मेडिकल कॉलेज को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में हेल्थ केयर इंवेस्टमेंट पॉलिसी बनाई थी। इसके अनुसार 300 करोड़ का निवेश करने वालों को नगर निगम सीमा के बाहर अधिकतम 25 एकड़ जमीन एक रुपए टोकन पर दी जाएगी।

प्रस्ताव बनाकर भेज रहा हूं…

मैं प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेज रहा हूं। उसके बाद इसे मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। मैंने तो व्यापक हित में मुद्दा उठाया है। आगे जो निर्णय होना होगा हो जाएगा।

-अजय तिर्की, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग

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