नईदुनिया ने बेमेतरा में टोनही बताकर महिला की हत्या की घटना के बाद पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि सरकार की ओर से टोनही प्रताड़ना के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया गया। सरकारी अभियान के बावजूद प्रदेश में टोनही के शक में हत्याओं का दौर नहीं रुका। हाल ही में गरियाबंद के देवभोग के एक गांव में एक महिला और उनके पति को टोनही बताकर प्रताड़ित किया गया। उस युवक ने पुलिस में शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। खैरागढ़ में टोनही बताकर एक महिला की हत्या कर दी गई। नया रायपुर के उपरवारा और राजधानी रायपुर के सरस्वती नगर की एक महिला को टोनही बताया गया, जिसकी ग्रामीणों ने हत्या कर दी।
अंधद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मि ने बताया कि अंधविश्वास के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का मानसिक नियंत्रण कमजोर हो जाता है। लोगों के बीच वैज्ञानिक तरीके से जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। ग्रामीणों को जब तक यह नहीं बताया जाएगा कि बीमारी के कारण या जन्मजात गुणों के कारण इस तरह की दिक्कतें हैं, तब तक मामले का निराकरण नहीं हो पाएगा। सरकार को सफाई अभियान की तरह की ग्राम पंचायतों में टोनही के बारे में बोर्ड लगाना चाहिए। इससे लोगों में जागरूकता आएगी। महिलाओं के साथ इस तरह का बर्ताव अमानवीय, आपराधिक और अशोभनीय है।
बेमेतरा के मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें सभी परिवार के ही सदस्य हैं। आमतौर पर ऐसे मामलों में स्थानीय लोग पारिवारिक मामला समझकर शामिल नहीं होते हैं। पुलिस कार्रवाई कर रही है।
एएन उपाध्याय, डीजीपी
फैक्ट फाइल
जिला-मामला
जांजगीर-चांपा-124
बलरामपुर-121
कोरिया-109
जशपुर-91
राजनांदगांव-81
सूरजपुर-75
कवर्धा-68
दुर्ग-65
बिलासपुर-65
सरगुजा-63
रायगढ़-70
कोरबा-34
बालोद-31
गरियाबंद-20
जगदलपुर-19
कांकेर-15
बालोद-13
मुंगेली-12
धमतरी-10
बेमेतरा-7
नारायणपुर-3
(आरटीआई में 2001 से 2012 तक की जानकारी के अनुसार।)